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swachh survekshan 2018 : कागजों में चल रही सफाई, जमीनी हकीकत देखने में नहीं रुचि

locationसागरPublished: Dec 02, 2017 01:49:51 pm

महापौर ने चार तो निगमायुक्त ने 12 बार ही किया निरीक्षण

swachh survekshan 2018

swachh survekshan 2018

सागर. स्वच्छता सर्वेक्षण को शुरू हुए करीब एक महीने का समय बीत चुका है लेकिन नगर निगम के जिम्मेदार चंद बार ही शहर में निरीक्षण पर निकले हैं। यही वजह है कि शहर में एक महीने के बाद जैसी सफाई व्यवस्था दिखनी चाहिए था वैसी नहीं दिख रही है। जानकारी के मुताबिक महापौर अभय दरे करीब ४ बार तो निगमायुक्त अनुराग वर्मा लगभग 12 बार ही मैदानी स्तर पर अभियान की हकीकत देखने के लिए निकले।

पिछले वर्ष स्वच्छता सर्वेक्षण-2017 में तत्कालीन निगमायुक्त कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने 15 से 18 घंटे तक की वर्र्किंग दिखाई थी जबकि जनप्रतिनिधियों की ओर से सिर्फ स्वास्थ्य विभाग की सभापति पुष्पा अहिरवार ही सक्रिय रहीं थीं। पिछले दिनों महापौर दरे ने हर दिन स्वच्छता अभियान की मॉनीटरिंग करने की बात कही थी लेकिन पिछले एक सप्ताह से उन्होंने शहर में कहीं भी निरीक्षण नहीं किया और न ही कोई बैठक ली है।

प्रदेश के इन पांच शहरों को पछाडऩा मुश्किल
मंदसौर, नीमच, सिंगरौली, ग्वालियर और इंदौर को स्वच्छता एप डाउनलोडिंग में पछाडऩा सागर के लिए बड़ी चुनौती रहेगा। सागर वर्तमान में प्रदेश में 7वें नंबर पर है। इन पांचों शहरों के स्वच्छता एप के मामले में कुल अंक 40 हजार से ज्यादा हैं जबकि मंदसौर और नीमच के अंक सवा लाख से ज्यादा हैं।

इन निर्देशों पर नहीं हुआ काम
शहर में करीब दो दर्जन से ज्यादा ओडी स्थल हैं जहां पर अभियान चलाने के निर्देश दिए गए थे लेकिन वर्तमान में यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
अधूरे शौचालयों को पूर्ण करने व वहां पर नल कनेक्शन देने के निर्देश दिए गए थे, यानि शौचालय बन गए हैं लेकिन उनमें पानी उपलब्ध नहीं है।
झील से जलकुंभी हटाने के साथ ही अभियान की शुरुआत हुई थी लेकिन पहले दिन औपचारिकता करने के बाद से आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
शहर के चौराहे-तिराहे व डिवाइडर अब भी सौंदर्यीकरण की राह तांक रहे हैं।

कागजी कार्रवाई में गिर सकती है रैंकिंग
विशेषज्ञों की मानें तो स्वच्छता अभियान में निगम प्रशासन को करीब 5 हजार पेजों की तैयारी करनी है। ओडीएफ, उपलब्ध संसाधन समेत अन्य मामलों की बारीकी से जानकारी देनी होगी। सबसे चिंता की बात यह है कि यदि निगम प्रशासन ने किसी मामले की दावेदारी कागजों में कर दी और वह थर्ड पार्टी के निरीक्षण में मैदानी स्तर पर नहीं मिली तो शहर को अभियान में माइनस मार्किंग का सामना करना पड़ सकता है।

इधर, स्वच्छता रैली निकालकर किया जागरूक
पदमाकर स्कूल, पं. मोतीलाल स्कूल एवं मोराजी स्कूल के छात्र-छात्राओं ने शुक्रवार को शहर के प्रमुख मार्गों से स्वचछता रैली निकाली। स्वच्छता रैली को उपायुक्त आरपी मिश्रा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। पहली रैली पदमाकर स्कूल से शुरू होकर तीनबत्ती कटरा मस्जिद, गुजराती बाजार होते हुए पदमाकर स्कूल में समाप्त हुई। दूसरी रैली मोराजी स्कूल से प्रारंभ हुई।

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