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video : टॉयलेट ऐसा बताओ जो दिखने में ठीक हो, …लो डस्टबिन रख दिया अब खींच लो फोटो

स्वच्छता सर्वे में सामने आया मिलीभगत का खेल, राजधानी की टीम के सर्वे ने खड़े किए सवाल

सागरNov 23, 2017 / 11:29 am

मदन गोपाल तिवारी

pre swachh survekshan 2018 in sagar

सागर. शहर में स्वच्छता की जमीनी हकीकत देखने आई भोपाल की टीम ‘हवाÓ में सर्वे कर वापस हो गई। टीम के साथ ही दो दिन से पड़ताल में लगी पत्रिका टीम ने तीसरे दिन हिसाब लगाया तो ‘खेलÓ समझ आया। इसमें साफ हो गया कि जांच टीम ने भोपाल से मिली लोकेशन के आधार पर सर्वे तो किया, लेकिन ‘सांठगाठÓ के साथ। जी हां, पत्रिका पड़ताल में यह तथ्य सामने आया कि तीन सदस्यीय टीम ने एक तो नगर निगम अमले के साथ सर्वे किया, दूसरा लोकेशन मिलने के बाद मौके पर शौचालयों की वास्तविक स्थिति सुधार ली गई। इसके बाद ही राजधानी में बैठे अधिकारियों को फीडबैक दिया गया।
पत्रिका ने ऐसे जानी सच्चाई
बुधवार को टीम ने सुबह 10 बजे से शहर के व्यक्तिगत शौचालय और नगरीय निकाय के सुलभ शौचालय का जायजा लेना शुरू किया। पत्रिका टीम दोपहर 12.32 बजे बड़ा बाजार के पास वाइसा मोहल्ला पहुंची, यहां टीम का सर्वे चल रहा था। बारीकी से जांचने पर सामने आया कि राजधानी की टीम उन्हीं शौचालयों को देख रही थी, जहां सफाई थी। टीम को एक क्षेत्र में एक ही शौचालय का जायजा लेना था, इसलिए जांच अब भगवानगंज स्थित एक सुलभ कॉम्पलेक्स में हुई।
यह नहीं कोई अन्य शौचालय देखो…
इसके बाद टीम मेंबर ने मोबाइल पर मिली एक अन्य लोकेशन पर पहुंचकर देखा कि वहां के व्यक्तिगत शौचालय की स्थिति ठीक नहीं है तो वह निगमकर्मी से बोले यहां नहीं किसी और अच्छी सी टॉयलेट देखो जो देखने में ठीक हो। पत्रिका के पास इसका वीडियो भी है, जिसमें सर्वे करने वाला व्यक्ति टीम से दूसरी जगह जाने के लिए कह रहा है।
आप हट जाएं, वरना मेरी मुसीबत होगी
सुलभ शौचालय में फोटो खींचते समय कैमरे के सामने आए निगमकर्मी को सर्वे टीम के सदस्य ने यह कहकर हटा दिया कि आप हट जाएं यदि आपकी फोटो अपलोड हो गई तो यह पता चल जाएगा कि मैं निगम के लोगों के साथ सर्वे कर रहा हूं और मेरी मुसीबत हो जाएगी।
जब टीम व्यावसायिक क्षेत्रों का सर्वे करने पहुंची तो शहर के अधिकांश प्रतिष्ठानों के बाहर उन्हें डस्टबिन नहीं मिले। चंूकि टीम को हर जगह के फोटो अपलोड करने थे, इसलिए निगम कर्मियों ने तुरंत ही डस्टबिन रखे और फिर फोटो लेकर अपलोड की गई।
इसलिए मायने हैं सर्वे के
नगर निगम भले ही इसे स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए प्री-सर्वे बता रही है, लेकिन यह काफी मायने रखता है। इसी सर्वे के आधार पर यह तय किया जाएगा कि प्रदेश के किन शहरों पर स्वच्छता को लेकर काम किया जाना है। साथ ही यह भी पता चलेगा कि अभी प्रारंभिक स्तर पर कहां खामियां हैं, जिन्हें दुरुस्त किया जाना बेहद जरूरी है, पर ऐसे गोलमोल तरीके से किए गए सर्वे से सवाल खड़े हो रहे हैं।
अच्छा नहीं फीडबैक
बीते दो दिन में किए गए सर्वे में भी स्थिति बहुत अच्छी नहंी मिली है। लोगों का फीडबैक तो कमजोर मिला ही है, गंदगी के अंबार भी यह बताते हैं कि नगर निगम को अभी स्वच्छता पर बहुत काम करने की जरूरत है।
यह तो प्री-सर्वे है…यह प्री-सर्वे है इसमें अंक निर्धारित नहीं होने हैं, हां यह जरूर है कि जो हमारी कमियां होंगी आगे फाइनल सर्वे के पहले हमें वह पूर्ण करने होंगे। यदि सर्वे के दौरान टीम के सदस्य ठीक-ठाक जगह देखकर सर्वे कर रहे हैं तो ये हमारी नहीं, बल्कि एजेंसी के ही लोगों की जिम्मेदारी है।
अनुराग वर्मा, निगमायुक्त

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