अगर आप हो रहे हैं तनाव का शिकार तो आप में आने लगेंगे ये बदलाव
अगर आप हो रहे हैं तनाव का शिकार तो आप में आने लगेंगे ये बदलाव

सागर. समय के साथ बढ़ रही भागदौड़ भरी जिंदगी, बढ़ता तनाव और बदल रहा लाइफस्टाइल चिंता का कारण बनता जा रहा है। इन्ही वजह से डिप्रेशन बहुत ही खतरनाक बीमारी बनती जा रही है क्योंकि यह बीमारी आत्महत्या का कारण भी बन रही है। यह स्थिति इसलिए भी चिंताजनक बनती जा रही है क्योंकि इसका शिकार सिर्फ बड़े ही नहीं बल्कि बच्चे भी हो रहे हैं।
डिप्रेशन और बाकी बीमारियों में सबसे बड़ा अंतर ये होता है कि यह भावनात्मक रूप से होता है जिसका पता लगाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। तनाव के कारण अब लोग अपने अपनों से भी दूर होते जा रहे हैं उनको लगता है कि उनके तनाव की वजह अपने ही लोग हैं. जबकि होता ऐसा नहीं है कहीं न कहीं जीवन के प्रति उनकी लापरवाही ही उनके तनाव का कारण होती है। आज हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं कि आप कैसे पता लगा सकते हैं कि आप तनाव के शिकार हैं या नहीं।इसको जानने और बचने के कुछ आसान उपाय हैं। जिसे डॉ. दिवाकर ने बड़े ही आसान तरीके से आप से शेयर किया।

सबसे पहले जान लेते है कि अगर आप तनाव का शिकार है तो आप में आने लगेंगे ये बदलाव...
घट-बढ़ होने लगता है वजन
जब आप तनाव से ग्रसित होते हैं तो आपके वजन में बदलाव होने लगते हैं। कुछ लोग इस दौरान पतले से मोटे होने लगते हैं क्योंकि वो तनाव के कारण ज्यादा खाने लगते हैं वहीं कुछ लोग खाना नहीं खा पाते और पतले होने लग जाते हैं।
भूलने की आदत
अगर आप तनाव के शिकार होते जा रहे हैं तो आप कई बातों को भूलने लगते हैं, क्योंकि तनाव के कारण आपके दिमाग के कुछ हिस्से धीरे-धीरे काम करना बंद करने लगते हैं.
पाचन क्रिया बिगडऩा
अगर आप लगातार पेट की समस्या से परेशान हैं तो समझ लीजिये आप तनाव से ग्रसित होते जा रहे हैं। तनाव के कारण पाचन तंत्र कमजोर होने लगता है।
हेयर फॉल
तनाव के कारण बालों का झडऩा भी शुरू हो जाता है. जितनी बार आप नहाते हैं उतनी बार आपके बाल झड़ते हैं।
सिर में दर्द रहना
तनाव के कारण आपके सिर में भी दर्द रहने लगता है. यह सिरदर्द की समस्या लगातार बढ़ती ही रहती है और अगर आप ढंग से इलाज नहीं करते तो गंभीर बीमारी से भी आप ग्रसित हो सकते हैं। ये पांच बदलाव हो रहे हैं तो समझ जाइए कि आप भी तनाव का शिकार होते जा रहे हैं। इससे बचने के लिए अच्छे डॉक्टर से सलाह लें।

ये लक्षण भी बताते है तनाव है
हंसना हो जाता है बंद
डिप्रेशन के कारण अकसर लोगों की हंसी खो जाती है। उन्हें किसी भी बात पर हंसी नहीं आती है। 'मूड स्विंग्स' होना भी डिप्रेशन का लक्षण होता है।
फैसला ना ले पाना
डिप्रेशन से जूझ रहे लोग अकसर कोई भी फैसला लेने में खुद को असमर्थ महसूस करते हैं, इसका मुख्य कारण होता है खुद पर से विश्वास उठना और चीज़ों में रुचि कम होना। इसके साथ ही डिप्रेस्ड लोगों को शॉर्ट टर्म मेमोरी लॉस का भी सामना करना पड़ता है जिससे वह अकसर छोटी-छोटी चीज़ें भूल जाते हैं।
हर बुरी स्थिति के लिए खुद को दोष देना
डिप्रेशन का सबसे बुरा असर ये होता है कि यह हर स्थिति में आपके दिमाग में नकारात्मक विचार ही लाता है। कभी आपसे संबंधित अगर कोई काम गलत हो जाता है या कोई नतीजा उम्मीद से कम निकलता है तो वह उससे कुछ सीखने या फिर उसे बेतहर तरीके से करने की जगह उसके लिए खुद को दोषी ठहराने लगते हैं।
छोटी छोटी बातों पर चिढऩा
चिड़चिड़ापन डिप्रेशन का एक अहम लक्षण है। अकसर जब भी कोई व्यक्ति डिप्रेशन से जूझ रहा होता है तो उसे छोटी छोटी बातों से चिड़चिड़ापन होने लगता है और गुस्सा आने लगता है।

व्यवहार में आता है बदलाव
अकसर देखा गया है कि डिप्रेस्ड लोगों का व्यवहार उनके आसपास के वातावरण के अनुसार बदलता रहता है।
शरीर में दर्द होना है सबसे कॉमन लक्षण
वैसे तो सिर दर्द होना बहुत ही आम बात है लेकिन कई बार सिर दर्द डिप्रेस्ड लोगों में ज्यादातर पाया जाता है क्योंकि वह मानसिक रूप से अशांत होते हैं जिसके कारण उनका शरीर बहुत ही कमज़ोर महसूस करने लगता है और बहुत जल्दी प्रभावित हो जाता है।
थकान महसूस करना
डिप्रेशन इंसान को मानसिक रूप से कमज़ोर बना देता है जिसके कारण उसका किसी भी काम में मन नहीं लगता है और इसके साथ ही वह खुद को हमेशा थका हुआ महसूस करने लगता है।

डॉ. दिवावर के अनुसार ऐसे करें बचाव
व्यायाम करेगा मदद
डिप्रेशन से बचने का यह सबसे अच्छा तरीका है। यह ना सिर्फ आपको हेल्दी रखता है बल्कि आपको पॉज़िटिव एनर्जी भी देता है।
नियमित रूप से छुट्टियां लें
काम से समय निकालें और कहीं घूमने जाएं, इससे डिप्रेशन की संभावना कम हो जाती है और आपमें जिंदगी को लेकर रुचि बढ़ जाती है।
अच्छे दोस्त बनाएं
दोस्त बनाने से आप अपने विचार दूसरों से शेयर कर पाते हैं और इससे आपका मन हल्का रहता है। इसके साथ ही जो बात आपको परेशान करती है उससे निपटने का रास्ता भी मिलता है।
ब्लॉग और जर्नल लिखें
ब्लॉग और जर्नल लिखने का सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि आप अपने मन की बात बाहर निकालने लगता हैं जिससे आपका दिमाग शांत होता है और आप हल्का महसूस करने लगते हैं।
पूरी नींद लें
सोना हमारे शरीर और हमारे दिमाग के लिए बहुत ही जरूरी होता है। यही कारण होता है कि डॉक्टर अकसर 6-8 घंटे सोने की सलाह देते हैं क्योंकि कम सोना हमारे डिप्रेशन का कारण हो सकता है।

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