सागर

11 साल बाद बने गजछाया योग में किया तर्पण

पितरों के पूजन का पर्व श्राद्ध पक्ष के अंतिम दिन सर्वपितृ अमावस्या पर बुधवार को पुरखों के तर्पण के लिए सामूहिक तर्पण स्थलों पर स्वजनों का मेला लगा। 11 साल बाद बने मंगलकारी गजछाया योग में तर्पण के लिए स्नान पूजन कर तर्पण स्थल पर पहुंचने का सिलसिला सुबह से ही शुरू हो गया था।

सागरOct 06, 2021 / 10:20 pm

Atul sharma

सागर. पितरों के पूजन का पर्व श्राद्ध पक्ष के अंतिम दिन सर्वपितृ अमावस्या पर बुधवार को पुरखों के तर्पण के लिए सामूहिक तर्पण स्थलों पर स्वजनों का मेला लगा। 11 साल बाद बने मंगलकारी गजछाया योग में तर्पण के लिए स्नान पूजन कर तर्पण स्थल पर पहुंचने का सिलसिला सुबह से ही शुरू हो गया था। आयोजन समितियों ने भी इसके लिए खास तैयारियां की थी। तर्पण स्थल का विस्तार के साथ तर्पण सामग्री भी अन्य दिनों के मुकाबले अधिक लाई गई थी। चकराघाट पर बड़ी संख्या में लोग तर्पण के लिए पहुंचे। पं.शिवप्रसाद तिवारी ने बताया कि श्राद्ध पक्ष के अंतिम दिन सर्वपतिृ अमावस्या पर गजछाया और सर्वार्थ सिद्धि योग में श्राद्ध करने से पितृ प्रसन्न होते हैं। माना जाता है कि इस योग में तर्पण करने से पितरों की 12 साल की भूख शांत होती है।
दादा दरबार में २१६ दीपक जलाकर की प्रार्थना
सागर. पितरों से आशीर्वाद की कामना के लिए दादा दरबार में 216 दीपक प्रज्ज्वलित कर पितरों की आत्म शांति एवं अपने परिवार की खुशहाली की कामना की गई। अपने तरह का यह अभिनव और अनूठा आयोजन दादा दरबार सेवा मंडल द्वारा किया गया। प्रत्येक अमावस्या पितृ पूर्वजों की स्तुति के लिए सनातन परंपरा में बताई गई है, लेकिन पितृ मोक्ष अमावस्या पर दीप सेवा का विशेष महत्व शास्त्रों पुराणों में बताया गया है। इस अवसर पर दादा दरबार सेवा मंडल के पं चन्दभान तिवारी, पं जयप्रकाश शुक्ला, पं संतोष अवस्थी, डॉ नितिन कोरपाल, पं अरूण तिवारी, पं रवि कुमार दुबे, डॉ आशा पाराशर, आशीष रायकवार, रवि रायकवार, टीकाराम मुंशी, पं शुभम शर्मा, वंदना शर्मा, दीप्ति मिश्रा, पं प्रमोद मिश्रा, राजकपूर केशरवानी, रमेश यादव, रमेश राजपूत, मदन गोपाल सोनी, सोनू पटेल, पं मयंक गोस्वामी, सुनील दक्ष, राजकुमार सैनी आदि उपस्थित थे।
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