scriptपितृ पक्ष के पहले दिन तर्पण कर पितरों को किया याद | tarpan on the first day of Pit | Patrika News

पितृ पक्ष के पहले दिन तर्पण कर पितरों को किया याद

locationसागरPublished: Sep 20, 2021 08:26:06 pm

Submitted by:

Atul sharma

पितृ पक्ष सोमवार से शुरू हो गए। पितृ पक्ष के दौरान पूर्वजों की आत्मशांति के लिए की जाने वाली तर्पण विधि के चलते जिले के जलाशयों में लोगों की भीड़ उमड़ी। लोगों ने सुबह से लाखा बंजारा झील के चकराघाट पर पहुंचकर पानी में उतरकर कुशा से अपने पूर्वजों को जल से तर्पण दिया और उन्हें याद करके अपने कामों पर निकले।

पितृ पक्ष के पहले दिन तर्पण कर पितरों को किया याद

पितृ पक्ष के पहले दिन तर्पण कर पितरों को किया याद

सागर. पितृ पक्ष सोमवार से शुरू हो गए। पितृ पक्ष के दौरान पूर्वजों की आत्मशांति के लिए की जाने वाली तर्पण विधि के चलते जिले के जलाशयों में लोगों की भीड़ उमड़ी। लोगों ने सुबह से लाखा बंजारा झील के चकराघाट पर पहुंचकर पानी में उतरकर कुशा से अपने पूर्वजों को जल से तर्पण दिया और उन्हें याद करके अपने कामों पर निकले। पितृ पक्ष में पूरे समय यही सिलसिला हर दिन चलेगा। इस दौरान शहरभर में श्राद्ध और पितृ मिलन को लेकर ब्राह्मण भोज, दान-पुण्य के कार्यक्रम होंगे। पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण की वजह से जलाशयों में लोग तर्पण के लिए नहीं पहुंच आए थे, घरों में ऑनलाइन ही पुरोहित से जुड़कर तर्पण की विधि पूरी की थी।
सोमवार को चकराघाट, राजघाट बांध सहित अन्य जलाशयों पर पंडितों के सानिध्य में विधि-विधान से लोगों ने पितरों को जलांजलि देकर नमन किया। पितृपक्ष के चलते पखवाड़े भर पिण्डदान,श्राद्घ और ब्राम्हण भोज के आयोजन होंगे। परंपरागत रीति-रिवाजों के अनुसार संतानों ने पूर्वजों की आत्म शांति और सुख-समृद्घि का आशीर्वाद मांगा। शहर के चकराघाट, राजघाट एवं लेहदरा नाका सहित जिले के अन्य जलाशयों एवं घरों में लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण करते हुए दिखाई दिए। सबसे ज्यादा भीड़ चकराघाट परिसर में देखी गई।
तिल और कुशा से करें तर्पण

पंडितों के मुताबिक तर्पण ब्राम्हण के मार्गदर्शन में करना चाहिए। तालाब, नदी अथवा अपने घर में व्यवस्था अनुसार जवा, तिल, कुशा, वस्त्र आदि सामग्री के द्वारा पितरों की शांति, ऋषियों एवं सूर्य को प्रसन्न करने के लिए तर्पण किया जाता है। श्राद्घ कर्म पितरों की शांति, प्रसंन्नता के लिए किया जाता है। तर्पण सूर्योदय के समय करना चाहिए और शास्त्रों के मुताबिक गाय, कुत्ता और कौआ को भोजन कराना चाहिए।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो