वर्तमान में जनसंख्या तीन लाख से ज्यादा हो गई है, जबकि निगम पर करीब 100 करोड़ रुपए का कर्ज है। यानी शहर का प्रति व्यक्ति करीब 3300 रुपए कर्जदार है। जब कर्ज की राशि आने वाले सालों में 700 करोड़ पर पहुंच जाएगी तब प्रति व्यक्ति कर्ज सीधे 23 हजार से ज्यादा हो जाएगा।
1. राजघाट निर्माण के लिए निगम ने हुडको से 68 करोड़ का लोन लिया था, जिसको चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि से वसूला जा रहा है।
2. निगमकर्मियों के वेतन से जीपीएफ की राशि काटने के बाद भी प्रशासन ने उसको जमा नहीं किया है।
3. इसमें कोर्ट ने भी प्रशासन को कर्मचारियों की करीब 20 करोड़ रुपए की राशि वापस करने के निर्देश दिए हैं।
4. बिजली कंपनी को भी निगम से करीब 10 करोड़ रुपए की राशि वसूलनी है।
इसके अलावा भी नगर निगम प्रशासन ने शहर के बैंकों से भी समय-समय पर करोड़ों रुपए के लोन लिए हैं।
इसलिए 23 हजार का कर्जदार होगा प्रति व्यक्ति
1. स्मार्ट सिटी प्रस्ताव 1686 करोड़ रुपए का बना है, जिसमें केंद्र व राज्य सरकार मात्र 1000 करोड़ रुपए मिलाएगी। 686 करोड़ की शेष राशि निगम प्रशासन को जुटानी होगी।
2. 300 करोड़ के सीवर प्रोजेक्ट में निगम प्रशासन को 10 प्रतिशत का अंशदान यानी 30 करोड़ रुपए देने होंगे।
3. 300 करोड़ के राजघाट फेज-२ में भी नगर निगम को 10 प्रतिशत की मार्जिन मनी देनी है।
4. ऑडिटोरियम निर्माण, सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट, भूभाटक समेत अन्य में निगम प्रशासन को करोड़ों रुपए देने हैं।
अभय दरे, महापौर