जो शिक्षक ई अटेंडेंस नहीं लगाएंगे उनका वेतन काटा जाएगा। साथ ही आहरण-संवितरण अधिकारी (डीडीओ) भी इसमें लापरवाह माने जाएंगे। बता दें कि इस एप पर न सिर्फ शिक्षकों की निगरानी होगी बल्कि विद्यार्थियों की उपस्थिति भी रहेगी। स्कूल की जानकारी, आरटीई के साथ छात्रवृत्ति व अन्य योजनाओं का भी पूरा ब्योरा होगा।
जिले के १५ शिक्षक संगठन विरोध में
एम शिक्षा मित्र एप फिर लागू होने से शिक्षकों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। विभिन्न संगठनों से जुड़े शिक्षकों का कहना है कि जब सागर का बोर्ड रिजल्ट ११ प्रतिशत इस बार अधिक आया तो हम पर विश्वास क्यों नहीं किया जा रहा है। अध्यापक संविदा शिक्षक संघ के मीडिया प्रभारी शैलेन्द्र सिंह गंभीरिया ने कहा कि अन्य विभागों के कर्मचारियों पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है, फिर शिक्षकों के ऊपर इतनी निगरानी क्यों की जा रही है। जिले के लभगग १५ संगठनों के शिक्षकों व्यवस्था के विरोध में हैं।
शिक्षकों को यह आशंका
एप के माध्यम से २४ घंटे शिक्षकों पर निगरानी की कोशिश है। शिक्षकों का आरोप है कि इससे सरकार को जानकारी रहेगी कि कौन सा शिक्षक कहां है। हमें कभी भी
ट्रेस किया जा सकता है।
ग्रामीण क्षेत्र मे इंटरनेट काम नहीं करेगा और शिक्षकों को मोबाइल चलाना नहीं आता है। ऐसे में इसे लागू करने में तकनीकी
दिक्कतें भी बहुत हैं।
हर समय एम शिक्ष मित्र एप नहीं चल रहा है और एरर आने पर वेतन कटने की संभावना है।
एप की खासियत
होम, शिक्षक, स्कूल, विद्यार्थी और आरटीई के साथ ज्ञानार्जन
नाम से छह सेगमेंट रहेंगे।
होम में राज्य, शासकीय, सीपीआई, राज्य शिक्षा केंद्र, आरएमएसए व जेडी की जानकारियां देख सकेंगे।
शिक्षक सेगमेंट में वेतन पर्ची, उपस्थिति, छुट्टी आवेदन, कक्षावार उपस्थित, शिकायत व अन्य।
स्कूल अंतर्गत शासकीय, निजी विद्यालय, इनरोलमेंट, आज की उपस्थिति, पुस्तक-गणवेश वितरण।
विद्यार्थी सेगमेंट में योजनाएं व छात्रवृत्ति, आरटीई में आवंटन, एडमिशन व अन्य जानकारी।
ज्ञानार्जन सेगमेंट बताएगा कि कितने पाठ पढ़ा चुके हैं, कोर्स किस स्थिति में पहुंचा हैं अब तक।