scriptसोते वक्त बच्चे को किसी चीज ने काटा, मां ने शर्ट उतारी तो निकला सांप, मौत | Teenager who was in the grip of snakebite died | Patrika News

सोते वक्त बच्चे को किसी चीज ने काटा, मां ने शर्ट उतारी तो निकला सांप, मौत

locationसागरPublished: Jun 28, 2022 04:09:53 pm

Submitted by:

Ashtha Awasthi

समय पर उपचार न मिलने से चली गई 9 साल के बच्चे की जान

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snakebite

सागर। अंचल के बण्डा में देर रात सर्पदंश की चपेट में आए किशोर की समय पर उपचार न मिलने से मौत हो गई। सांप के डसने के बाद परिजन उसे पास के मंदिर ले गए और गुनिया- ओझा बुलाकर झाड़-फूंक कराते रहे। रात भर में विष पूरे शरीर में फैल गया और जब कोई रास्ता नजर नहीं आया तब वे किशोर को लेकर बण्डा अस्पताल पहुंचे लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। अस्पताल की सूचना पर पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम कराते हुए परिजनों को सौंपकर मामला जांच में लिया है।

जानकारी के अनुसार बण्डा के चक में रहने वाले मुकेश अहिरवार का 9 वर्षीय पुत्र प्रमोद परिवार के अन्य सदस्यों के साथ रात में बिस्तर पर सो रहा था। जमीन पर सोते समय किसी कीड़े के काटने से जलन होने पर वह जाग गया। उसके बताने पर जब मां ने शर्ट खोली तो अंदर सांप घुसा हुआ था जो प्रमोद के करवट लेने पर दब गया था। मां की चीख सुन अन्य लोग जागे और सांप को मार दिया। प्रमोद की पीठ पर सांप के दंश के निशान देख उसे तुरंत गुनिया- ओझा बुलाकर बगाज माता मंदिर ले जाया गया। वहां रात भर झाड़- फूंक कराई गई लेकिन उपचार न मिलने से शरीर में विष फैलता रहा।

सूर्योदय के साथ जब प्रमोद बेसुध होने लगा तो परिजन परेशान हो गए। सुबह करीब 10 बजे वे बगाज से प्रमोद को बण्डा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया लेकिन तब तक जहर अपना काम कर चुका था। जांच के बाद डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसकी सूचना पुलिस को दी गई जिसके बाद बच्चे के शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया। पुलिस फिलहाल इस मामले की जांच कर रही है।

समय पर अस्पताल लाते तो बच सकती थी जान

डॉक्टर के अनुसार बच्चे के शरीर में जहर काफी फैल चुका था। परिजनों ने बताया था कि रात करीब 3 बजे उसे सांप ने डसा था जबकि उपचार के लिए प्रमोद को सुबह 11 बजे अस्पताल लाया गया। यदि समय पर उसे अस्पताल लाते और एंटी स्नेक वीनम लगाकर उपचार किया जाता तो उसकी जान बचाई जा सकती थी। सर्पदंश के मामलों में आज भी ग्रामीण क्षेत्र में लोग अंधविश्वास का शिकार हैं। सांप के डसने की घटनाओं के बाद पीड़ित को सबसे पहले अस्पताल ले जाने के स्थान पर स्थानीय गुनिया- ओझाओं से गंडा- ताबीज बंधाकर झाड- फूंक कराई जाती है। इससे जहर अपना असर दिखाता रहता है और पीड़ित जोखिम में पड़ जाता है।

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