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सागर

खुद की ही जमीन पर नहीं रह पा रहे बेबस आदिवासी, यह है वजह

नाउखेड़ा ग्राम के आदिवासी वहां रहकर खदरी, चदई, कोल, बरया, कोल में श्रमकर अपने परिवार का भरण पोषण करते थे।

सागरFeb 06, 2018 / 05:10 pm

हामिद खान

The abyss are not able to live on their own land

The abyss are not able to live on their own land

सागर/बंडा. बंडा तहसील के ग्राम पगरा में बांध बनाया गया है, उसमें नाउखेड़ा ग्राम के आदिवासी वहां रहकर खदरी, चदई, कोल, बरया, कोल में श्रमकर अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। लेकिन यह क्षेत्र डूब में आने के कारण उनको मौनपुर मे पट्टे दिए गए थे, उनको मिली पर कुछ प्रभावशाली लोगों ने कब्जा कर लिया है। समाजवादी पार्टी युवजन सभा के जिला अध्यक्ष राजेश आठिया द्वारा कार्यकर्ताओं के साथ एसडीएम बीबी पांडेय को ज्ञापन सौंपा। जिसमें बताया कि जिससे उन्हें रहने, अपने परिवार का भरण पोषण आदि की परेशानियां हो रही हैं। इसलिए इनकी पट्टे की जमीन दबंगों से मुक्त कराकर इन्हें वापस कराया जाए। यह शिकायत पहले भी दर्ज कराई जा चुकी है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई गई है।
इसके अलावा शाहगढ ब्लॉक की ग्राम पंचायत शासन हनुमान एवं बीला पंचायत में शौचालय, कुटी व सीसी सड़क निर्माण में सरपंच सचिव द्वारा अनियमितताएं की जा रही हैं। इसी प्रकार चौका भेड़ा ग्राम पंचायत के ग्राम मुडिय़ा में सीसी सड़क की लंबाई कम करने का ग्रामीणों ने आरोप लगाए हैं। दोनों तरफ नाली भी नहीं बनाई गई है। सपा कार्यकर्ताओं ने ग्राम पंचायतों में बरती जा रही लापरवाही की शीघ्र जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने समस्याएं एक सप्ताह में हल नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। ज्ञापन सौंपने वालों में महेन्द्र सिंह राजपूत, विधानसभा अध्यक्ष हेमराज लोधी, सुरेंद्र जोगी, गोपी सेन, बलराम नामदेव, गब्बर सिंह, माखन सेन, रामकृष्ण रजक आदि मौजूद थे। आदिवासियों का कहना है कि उन्हें रहने के लिए जमीन न मिल पाने के कारण दर-दर की ठोकरें खाने को विवश होना पड़ रहा है। दबंगों ने उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया है। जिससे वे निवास बनाने के लिए परेशान हो रहे हैं। सरकार ने उन्हें जो पट्टे दिए थे, उसपर वे अपना हक भी नहीं जाता पा रहे हैं। सभी आदिवासियों ने उनका हक दिलाए जाने की मांग की है।

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