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सीवर नेटवर्क के जिन चेम्बरों से हवा भी नहीं निकलनी चाहिए वो बन गए फव्वारे

locationसागरPublished: Aug 16, 2019 10:35:42 pm

नेटवर्क में लीकेज रहा तो पूरा शहर बन जाएगा सेप्टिक टैंक, जिला अस्पताल के सामने भी देखने को मिली अव्यवस्था मामले

The chambers should not even let the air out, they became fountains

सीवर नेटवर्क के जिन चेम्बरों से हवा भी नहीं निकलनी चाहिए वो बन गए फव्वारे

सागर. शहर में बछाए जा रहे सीवर नेटवर्क के जिन चेम्बरों ने हवा भी बाहर नहीं निकलनी चाहिए, वर्तमान में उन चेम्बरों से पानी के फव्वारे चल रहे हैं। तिली मार्ग पर जिला अस्पताल के सामने बनाए गए चेम्बरों से बारिश का पानी बड़ी मात्रा में बाहर निकल रहा है और सड़क पर फैल रहा है। शहर के इंजीनियर्स का कहना है कि यदि सीवर पाइपलाइन में ऐसे ही लीकेज रहे तो जब नेटवर्क चालू होगा तो पूरा शहर सेप्टिक टैंक बन जाएगा।

पूर्व में भी आ चुके हैं कई मामले
निर्माण एजेंसी की लापरवाही के कारण सीवर पाइपलाइन में जगह-जगह पर लीकेज की समस्या देखने को मिल चुकी है। बीते दिनों सिविल लाइन स्थित पिम्पलापुरे मार्ग पर नेटवर्क में लीकेज हो गया था जिसकी अव्यवस्था छिपाने के लिए सीवर एजेंसी ने चेम्बर के ढक्कनों को सीमेंट का जोड़ लगाकर बंद कर दिया।

नहीं हुई नेटवर्क की टेस्टिंग
सीवर प्रोजेक्ट की एजेंसी लक्ष्मी सिविल इंजीनियरिंग को नेटकर्व की टेस्टिंग भी करनी है लेकिन एजेंसी ने अभी तक ऐसा कोई प्रयास नहीं किया है। एजेंसी के अधिकारियों की दलील है कि जब नेटवर्क को चालू करेंगे तब इसकी टेस्टिंग करेंगे और फिर जो भी तकनीकी खामियां सामने आएंगी, उनको दुरुस्त करेंगे।

80 किलोमीटर से ज्यादा बिछ चुका नेटवर्क
नगर निगम सीमा क्षेत्र में अब तक 80 किलोमीटर से ज्यादा का नेटवर्क बिछाया जा चुका है, जिसमें कई स्थानों पर रेस्टोरेशन के काम में लापरवाही की गई है। निर्माण एजेंसी ने शहर के चुनौतीपूर्ण स्थलों जैसे कटरा, परकोटा, पुरव्याऊ टोरी, शुक्रवारी, शनिचरी, बड़ा बाजार आदि क्षेत्रों में अब तक काम शुरू नहीं किया है।

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