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गर्भपात की आड़ में गुनाहों पर डाला जा रहा पर्दा?

जिले के २४ गर्भपात केंद्रों पर ४ साल से नहीं हुई जांच, सीएमएचओ बोले-शिकायत आई तो निश्चित रूप से संज्ञान लेकर संबंधित संस्था की कराई जाएगी पड़ताल

सागरOct 13, 2019 / 09:10 pm

आकाश तिवारी

गर्भपात की आड़ में गुनाहों पर डाला जा रहा पर्दा?

गर्भपात की आड़ में गुनाहों पर डाला जा रहा पर्दा?

सागर. भाजपा पार्षद पति पर दुराचार पीडि़ता द्वारा शहर के एक नर्सिंग होम में गर्भपात कराए जाने के आरोप के बाद गर्भपात केंद्रों की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। इस मामले में संबंधित संस्था के डॉक्टर से पुलिस पूछताछ कर रही है, लेकिन युवती का गर्भपात होने से एक बात साफ हो गई है कि रजिस्टर्ड संस्थाओं में नियमों का माखौल उड़ाया जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि वर्षों से स्वास्थ्य विभाग द्वारा नर्सिंग होम में चल रहे गर्भपात केंद्रों की जांच नहीं कराई गई है। इस वजह से कई जगहों पर इस तरह की घटनाओं को आसानी से अंजाम दिया जा रहा है। बता दें कि स्वास्थ्य विभाग ने जिले में गर्भपात कराने के लिए २४ निजी संस्थाओं को रजिस्टर्ड किया है। बताया जाता है कि २३ स्वास्थ्य संस्थाओं में गर्भपात कराए जा रहे हैं।
४ साल से नहीं हुई जांच

दो साल पहले शहर में नर्सिंग होम एस्टेब्लिसमेंट एक्ट के जरिए शहर के नर्सिंग होम पर छापेमार कार्रवाई की गई थी। लेकिन इस दौरान गर्भपात केंद्रों की कोई पड़ताल नहीं की गई। वहीं, ४ साल से गर्भपात केंद्रों के रेकार्ड भी चैक नहीं किए गए हैं। हालांकि बताया जाता है कि जहां-जहां गर्भपात हो रहे हैं। वहां से रिपोर्टिंग सतत रूप से की जा रही है। सूत्रों की माने तो भाजपा पार्षद पति द्वारा पीडि़ता के गर्भपात की जानकारी संबंधित संस्था ने स्वास्थ्य विभाग को नहीं भेजी है।
यह ध्यान रखना होगा

महिला का पूरा नाम, पता व कारण, जिसकी वजह से गर्भपात जरूरी हो।
गर्भपात के लिए महिला या अभिभावक की अनुमति जरूरी है।

गर्भपात के समय गर्भधारण के समय के हिसाब से डॉक्टर की मौजूदगी अनिवार्य है।
12 हफ्ते का गर्भ होने पर गर्भपात एक महिला डॉक्टर की मौजूदगी में भी हो सकता है

12 से 20 हफ्ते का गर्भ रहने पर दो डॉक्टर का मौजूद रहना जरूरी होगा।
स्त्रीरोग विशेषज्ञ एमबीबीएस, एमएस, एबीबीएस डीजीओ डिग्री धारक ही गर्भपात करा सकेंगे।

गर्भपात की दवाएं सिर्फ स्वास्थ्य विभाग में पंजीकृत सेंटरों पर ही उपलब्ध होंगी।
अन्य किसी भी निजी अस्पताल या दवा की दुकान पर ऐसी दवाएं रखने की अनुमति नहीं होगी

यह होनी चाहिए सुविधा
गर्भपात केंद्र पर ओटी होना जरूरी

स्त्रीरोग विशेषज्ञ एमबीबीएस, एमएस, एबीबीएस डीजीओ डिग्री धारक होना जरूरी।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित फिक्स दवाएं होना चाहिए।

मेरे पास इस तरह की यदि कोई शिकायत आती है तो निश्चित रूप से संबंधित नर्सिंग होम की जांच कराई जाएगी। जहां तक ससत कार्रवाई की बात है तो जल्द ही विशेष अभियान शुरू कर गर्भपात केंद्रों की पड़ताल कराई जाएगी।

डॉ. एमएस सागर, सीएमएचओ

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