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प्रायोगिक परीक्षा में रहेगी सख्ती

माध्यमिक शिक्षा मंडल का निर्देश, कलेक्टर की कमेटी तय करेगी परीक्षकों का नाम

सागरJan 13, 2019 / 06:19 pm

रेशु जैन

प्रायोगिक परीक्षा में रहेगी सख्ती

प्रायोगिक परीक्षा में रहेगी सख्ती

सागर. जिले के अधिकांश शासकीय स्कूलों में सालभर विद्यार्थी सालभर प्रैक्टिकल नहीं कर पाते हैं। कहीं स्कूलों में लैब के इंतजाम नहीं है और कहीं है भी तो वर्षों से उपयोग न होने की वजह से उपकरणों में धूल जम गई है। पत्रिका ने हाल ही में शासकीय स्कूलों में लैब हालातों से रूबरू कराया और यह भी बताया कि वर्षों से यहां उपकरणों का उपयोग नहीं हो पा रहा है। ऐसे में विद्यार्थी परीक्षा में कैसे प्रयोग करेंगे, लेकिन अब विद्यार्थियों के पास चुनौती है कि वे कैसे नंबर लाएंगे। इस बार बोर्ड के साथ प्रायोगित परीक्षा के लिए माध्यमिक बोर्ड सख्त नजर आ रहा है। क्योंकि मंडल की ओर से प्रायोगिक परीक्षा के बावत कलेक्टर सहित अन्य शिक्षा अधिकारियों के लिए निर्देश जारी किया गया है।

मंडल मुख्यालय से जारी निर्देशों के अनुसार बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षा के लिए बाह्य मूल्यांकनकर्ताओं (परीक्षकों) का चयन अब की बार कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित कमेटी के माध्यम से होगा। चयन प्रक्रिया के तहत पात्रों की ओर से ऑनलाइन पंजीयन किया जाएगा। पंजीकृत पात्र शिक्षकों (व्याख्याताओं, शिक्षकों, अध्यापकों व संविदा शिक्षक) का चयन कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यीय कमेटी करेगी।चयन प्रक्रिया के तहत बाह्य मूल्यांकनकर्ता के लिए पात्र शिक्षक 20 जनवरी तक ऑनलाइन पंजीयन कर सकेंगे। 31 जनवरी तक गठित कमेटी चयन प्रक्रिया पूरी कर चयनितों की सूची तैयार करेगी। उसके बाद परीक्षा व विषयवार चयनित मूल्यांकनकर्ताओं की सूची पांच फरवरी तक मंडल को भेजना होगा। मंडल की ओर से सूची के आधार पर प्रायोगिक परीक्षा के मूल्यांकन के लिए नियुक्ति आदेश जारी किया जाएगा।

कमेटी में शामिल होंगे यह सदस्य

मंडल की ओर से जारी निर्देशों के अनुरूप कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यीय कमेटी में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, माध्यमिक शिक्षा मंडल के संभागीय अधिकारी, उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य और जिला शिक्षा अधिकारी या जिला संयोजक और आदिम जाति कल्याण य सहायक आयुक्त में से कोई एक शामिल होगा।

बाह्य मूल्यांकनकर्ताओं की पात्रता शर्त

– यूजी व पीजी योग्यताधारी शिक्षक 10 वीं में 12 वीं में तीन वर्ष से पढ़ा रहे हों।

– तीन वर्ष का अनुभव रखने वाले संविदा शिक्षक वर्ग एक, दो व तीन पात्र होंगे।

– पूर्व में मूल्यांकनकर्ता के रूप में संबंधित को प्रतिबंधित नहीं किया गया हो।

– पांच वर्ष के अनुभवी अशासकीय स्कूलों के शिक्षकों का भी चयन हो सकता है।

– प्राचार्य व जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से जारी अनुभव पत्र ही मान्य होगा।

मूल्यांकन को सुदृढ़ बनाने मांगे सुझाव

मंडल ने यह भी आदेश जारी कर कहा है कि हाइस्कूल एवं हायर सेकंडरी परीक्षा के बाद जिले में उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन ठीक ढंग से करवाएं। पूर्व में मूल्यांकन में असावधानी के चलते केस न्यायालय तक पहुंच गए, जिससे माध्यमिक शिक्षा मंडल और विभाग की छवि खराब हुई है। इसलिए बोर्ड ने मूल्यांकन केंद्र अधिकारियों और परीक्षकों से सुझाव मांगे हैं। साथ ही १५ जनवरी तक डीईओ के लिए बैठक बुलाने के लिए कहा है। जिसमें मूल्यांकन केंद्र अधिकारियों और मुख्य परीक्षकों की बैठक लेकर उन्हें हिदायत देने के लिए कहा गया है। लोक शिक्षण आयुक्त जयश्री किवायत ने कहा है कि कार्यशाला के माध्यम से उन्हें उत्तर पुस्तिकाओं के सही मूल्यांकन की बारीकियां समझाई जाएं। यह जानकारी १९ जनवरी तक भोपाल भेजनी है।

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