उन्होंने बताया कि मोबाइल पर 22 जून को 22,900 रुपए डेबिट होने का मैसेज मिला था। जबकि मैंने कोई राशि नहीं निकाली थी। बैंक पहुंचे और जानकारी ली तो कर्मचारी कुछ बताने को तैयार नहीं थे न ही हमारी कोई सुनवाई हो रही थी। यह लोग मेरी बात पर यकीन नहीं कर रहे थे। इसके बाद किसान ने उच्चाधिकारियों से शिकायत की तब यह मामला उजागर हो सका। जिसके बाद जांच की गई तो पता चला कि बलेह ग्राम के ही मयूर जैन ने जाली हस्ताक्षर कर राशि निकाली थी। बैंक मैंनेजर ने भी बिना जांच के वाउचर पास कर दिया था। किसान राजेन्द्र जैन ने बताया कि खाते से मोबाइल नंबर लिंक था इसलिए तुरंत जानकारी मिल गई थी। यदि मोबाइल लिंक नहीं होता राशि आहरण की जानकारी ही नहीं मिलती और हमारे खाते से राशि होती रहती। जिससे काफी आर्थिक नुकसान भी हो सकता था।
जांच किए बिना ही दे दी राशि
बलेह ग्राम का मयूर जैन वाउचर लेकर आए थे। जिसने आपने आपको खाताधारक बताया था। शाखा में कर्मचारियों की कमी व काम अधिक होने के कारण जल्दबाजी में बिना जांच किए राशि आहरत कर दी। हम अपनी गलती स्वीकार करते हैं। शिकायत के बाद उक्त व्यक्ति से पैसे लेकर खाताधारक के खाते में जमा कर दिए गए हैं।
मनीष जैन, मैनेजर, सहकारी बैंक शाखा, रहली