ऐसे मिले हालात
– मकरोनिया स्थित निजी होटल में भाजपा की जिला स्तरीय बैठक चल रही थी। इसमें बंडा विधायक वीरेंद्र सिंह लोधी अपनी हूटर लगी गाड़ी से पहुंचे। पहुंचते ही फट से होटल के अंदर चले गए। वाहन में सवार कार्यकर्ताओं से पत्रिका ने जब हूटर के बारे में पूछा तो वे एक-दूसरे की बगलें झाकने लगे। इस मामले में विधायक ने व्यवस्था सुधारने की बात कही। – सफेद रंग की एसयूवी, जिसकी नंबर प्लेट पर जिला पंचायत अध्यक्ष था, मकरोनिया की एक होटल में खड़ी थी। इसमें हूटर लगे थे। मौके पर मौजूद ड्राइवर से जब पूछा कि ये हूटर क्यों लगाए हो, गाइडलाइन पता है, तो उसने कहा कि हीरा सिंह राजपूत की है। उन्हीं को पता होगा। जब इस मामले में राजपूत को फोन लगाया तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
– तीन मढिय़ा से परकोटा की ओर जाते एक गाड़ी हूटर लगाए मिली, इसकी नंबर प्लेट के ऊपर अध्यक्ष नगर परिषद बांदरी लिखा था। पत्रिका की टीम ने जब इनसे चलते-चलते पूछा तो वाहन में सवार लोग तेजी से आगे निकल गए।
– सिविल लाइन वीसी बंगला के पास बड़े अक्षरों में नंबर प्लेट के ऊपर सीएमओ लिखा एक वाहन दिखा। इस पर भी हूटर लगे थे। करीब एक घंटे तक यह वाहन पार्किंग में खड़ा रहा, लेकिन इसकी जानकारी नहीं मिल पाई कि यह किसका वाहन था।
– कालीचरण चौराहे पर सड़क किनारे एक और हूटर लगी एसयूवी गाड़ी दिखी। कांच बंद थे। करीब एक घंटे तक वाहन के आसपास कोई भी नहीं दिखा। शहर में ऐसे कई वाहन हैं, जिन पर हूटर लगे रहते हैं और वे शहर की अलग-अलग सड़कों खड़े रहते हैं। अध्यक्ष नगर परिषद घुवारा का भी ऐसा ही वाहन डूडा कार्यालय के बाहर खड़ा मिला।
– परकोटा क्षेत्र में एक सफेद रंग की पुरानी गाड़ी, जिस पर हूटर लगे हुए थे, सड़क पर खड़ी मिली। जब स्थानीय लोगों से इसके बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि यह कांग्रेस नेता रमाकांत यादव की है।
जिले में 100 से ज्यादा वाहनों में हूटर
बताया जा रहा है कि जिले में ऐसे करीब 100 वाहन होंगे, जो बिना किसी खौफ के अपने चार पहिया वाहनों में हूटर का उपयोग कर रहे हैं। खास बात यह है कि लोस चुनाव के बाद से इनके विरुद्ध कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है, जिसके कारण इनके हौसले बुलंदी पर हैं।
मार्ग पर अचानक से बजा देते हैं हूटर
राह चलते लोगों पर रौब झाडऩे के लिए छुटभैया नेता अपने वाहनों में हूटर लगाए हैं। मार्ग में यदि उनके सामने कोई वाहन चल रहा हो, तो उसे रास्ते से किनारे करने के लिए अचानक से हूटरबाजी शुरू कर देते हैं। जागरुक लोग यह सोचकर एक ही बार में साइड दे देते हैं कि एम्बुलेंस या कोई अन्य आकस्मिक सेवाओं का वाहन आ रहा है, लेकिन जब हकीकत सामने आती है, तो उनकी बचकानी हरकत पर तरस आता है।