सागरPublished: Apr 01, 2019 08:16:35 pm
anuj hazari
आधी से बाल्टियां हैं खाली, आग पर काबू पाने नहीं कोई तैयारी
The fire at the station started to extinguish the sand bakery
बीना. रेलवे स्टेशन पर आग बुझाने के लिए कोई भी ऐसी व्यवस्था नहीं है, जिससे की आग की घटनाओं पर शीघ्र काबू पाया जा सके। स्टेशन पर आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर दो व तीन के बीच में स्टैंड पर बाल्टियों को रखा गया है, जिसमें रेत भरी होनी चाहिए। यदि कभी इसकी जरूरत पड़ती है तो उसको उपयोग में लाया जा सके, लेकिन यहां ऐसा नहीं हो रहा है। यहां लगी बाल्टियों में से आधी से ज्यादा बाल्टियां खाली हैं तो वहीं दूसरी ओर कुछ बाल्टियां जिनमें रेत है भी तो यात्रियों ने उन्हें पीकदान बना दिया है। इसके बाद भी कर्मचारी रेत नहीं बदल रहे हैं, जरूरत पड़ी तो वह रेत भी काम नहीं आएगी। अधिकारी इस ओर ध्यान तब देंगे जब कोई घटना हो जाएगी। यदि इसकी तैयारी पहले से कर ली जाए तो बाद में परेशानी नहीं होगी। बीना जंक्शन से रोजाना 170 से ज्यादा ट्रेनें गुजरती हैं। इसके बाद में आग की घटना से निपटने के लिए कोई इंतजाम यहां नहीं हैं।
रेलवे के पास नहीं दमकल
सरकार रेलवे पर हर साल अरबों रुपए खर्च करती है, लेकिन कभी भी रेलवे अधिकारी यह नहीं सोचते हैं कि जंक्शन स्तर पर ही सही कम से कम एक दमकल मुहैया कराई जाए। जिससे जंक्शन के आस-पास भी यदि किसी छोटी स्टेशन पर कोई घटना होती है तो उस पर काबू पा सकते हैं।
धूं-धूं कर जल गया था रेल इंजन
ज्ञात हो कि करीब दो साल पहले रेलवे स्टेशन पर खड़े एक इंजन में आग लग गई थी। आग इतनी भीषण थी कि उसे बुझाने के लिए किए जाने वाले सभी प्रयास असफल रहे थे और काफी देर तक रेल इंजन धूं-धूं कर जलता रहा था। आग बुझाने जब नपा की दमकल मौके पर पहुंची, तब कहीं जाकर आग को बुझाया जा सका था और तब तक इंजन में लाखों के उपकरण जल चुके थे।