हाई कोर्ट ने राज्य शासन समेत अन्य को नोटिस जारी कर मांगा जवाब
मुआवजा बिना निजी भूमि पर सार्वजनिक सड़क का निर्माण क्यों? जबलपुर.सागर. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश विशाल धगट की एकलपीठ ने मुआवजा बिना निजी भूमि पर सार्वजनिक सड़क के निर्माण के मामले में जवाब मांगा है। इस संबंध में राज्य शासन, कलेक्टर सागर, निगमायुक्त सागर, एसडीओपी सागर और तहसीलदार गोपालगंज को नोटिस जारी किया गया […]
मुआवजा बिना निजी भूमि पर सार्वजनिक सड़क का निर्माण क्यों? जबलपुर.सागर. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश विशाल धगट की एकलपीठ ने मुआवजा बिना निजी भूमि पर सार्वजनिक सड़क के निर्माण के मामले में जवाब मांगा है। इस संबंध में राज्य शासन, कलेक्टर सागर, निगमायुक्त सागर, एसडीओपी सागर और तहसीलदार गोपालगंज को नोटिस जारी किया गया है। सभी को चार सप्ताह के भीतर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देशदिए हैं। याचिकाकर्ता सागर निवासी डॉ. प्रियशरण सिंह ठाकुर और डॉ. लक्ष्मी ठाकुर की ओर से अधिवक्ता प्रमोद सिंह तोमर ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि नगर निगम सागर ने याचिकाकर्ता को नोटिस जारी किया, जिसमें कहा गया था कि सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा तिली तिराहे से मेडिकल कॉलेज होते हुए परकोटा तक मुख्य सड़क का उन्नयन किया जा रहा है। यह कार्य सागर-2031 विकास योजना के तहत प्रस्तावित चौड़ाई में किया जा रहा है। याचिकाकर्ता की संपत्ति, जो नगर निगम सागर की सीमा के भीतर है, की आठ मीटर बाउंड्री को स्मार्ट सिटी इंजीनियर ने अवैध ठहराया है, जबकि यथार्थ में यह बाउंड्री याचिकाकर्ता की वैध भूमि पर बनी है। ऐसे में भूमि अधिग्रहण और मुआवजा की प्रक्रिया अपनाए बिना निजी भूमि का अतिक्रमण बताकर तोड़ने की कार्रवाई को मनमानी माना जा रहा है।
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