सागर. जिले के उत्तर वन मंडल के तहत आने वाले शाहगढ़ वन परिक्षेत्र में वन्यजीवों के शिकार और सागौन की अवैध कटाई चलने का दावा किया जा रहा है।
क्षेत्र के जागरूक और पर्यावरण प्रेमी लोगों ने इसको लेकर पत्रिका को कुछ प्रमाण भी उपलब्ध कराए हैं। लोगों का दावा है कि क्षेत्र में काले हिरण, नीलगाय सहित अन्य संरक्षित वन्यजीवों के कंकाल व खाल जंगल में जहां-तहां नजर आ रहे हैं। तो वहीं सागौन की अवैध कटाई चरम पर चल रही है। लोगों का दावा है कि यह सब वन विभाग स्थानीय अधिकारी-कर्मचारियों की सह पर चल रहा है। यदि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी जांच करें तो हकीकत सामने आ सकती है।
स्थानीय स्टाफ की सांठगांठ: क्षेत्र के लोगों ने शाहगढ़ वन परिक्षेत्र के अधिकारी-कर्मचारियों पर शिकारियों व लकड़ी तस्करों से सांठगांठ के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि क्षेत्र में वन्यजीवों का शिकार और अवैध कटाई का कारोबार इन्हीं अधिकारियों की सह पर फल-फूल रहा है। न तो शिकारियों पर शिकंजा कसा जा रहा है और न ही खुलेआम चल रही सागौन की तस्करी को रोकने का प्रयास किया जा रहा है।
शहर में भी मिले वन्य जीवों के अवशेष
यहां शाहगढ़ वन परिक्षेत्र में वन्यजीवों के कंकाल, खाली आदि मिलने का दावा किया जा रहा है। वहीं बीते कुछ दिनों में शहर में दो अलग-अलग जगहों पर वन विभाग को वन्यजीवों के अवशेष मिल चुके हैं। जिसमें एक जगह मुखबिर की सूचना पर एक घर पर की गई छापामार कार्रवाई में तेंदुए की खाल व हिरण के सींग आदि बरामद किए गए थे। जिसके बाद वन विभाग की टीम ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, जबकि दूसरे मामले में संजय ड्रायव के पास नाले में हिरण के सींग मिले थे।
अधिकारी आएं तो दिखा देंगे स्पॉट
क्षेत्र के पूर्व जनपद उपाध्यक्ष और वर्तमान में दलपतपुर मंडल अध्यक्ष श्रीकृष्ण गोस्वामी ने बताया कि उन्होंने व उनसे जुड़े लोगों ने क्षेत्र में एेसे कई स्थान देखे हैं जहां पर अवैध कटाई हुई है। इसके अलावा जंगल से होकर गुजरे मुख्य मार्गों के आसपास ही हालही में कई वन्यजीवों के अंग व खाल देखी गई हैं। गोस्वामी का कहना है कि स्थानीय अधिकारियों पर भरोसा नहीं किया जा सकता, लेकिन वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी यदि चाहें तो वे स्वयं साथ में जाकर स्पॉट दिखा सकते हैं, जिससे उनके द्वारा किए जा रहे दावे की पुष्टि हो जाएगी।
हमारे पास फिलहाल एेसी कोई शिकायत नहीं है। यदि इस प्रकार से शाहगढ़ क्षेत्र में कुछ चल रहा है तो दावा करने वाला व्यक्ति संपर्क करे। हम स्वयं या सागर से स्पेशल टीम भेजकर जांच कराएंगे और सही पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रशांत कुमार, डीएफओ, उत्तर वन मंडल