मंडी में अधिकांश सब्जी का आयात हो रहा है। मंडी में ट्रांसपोर्टेशन से भाव में अंतर नहीं आता बल्कि आवक की कमी से दाम बढ़ते हैं। फिलहाल आलू, प्याज व टमाटर में उछाल आया है। – अलीम राइन, थोक व्यापारी
स्थानीय किसानों के पास भिंडी, गिल्की को छोड़कर कोई फसल नहीं है। यही कारण है कि मंडियों में आवक की कमी के कारण दामों में बढ़ोतरी हुई है। अभी तो बारिश के दिनों में भाव और भी बढ़ेंगे। – सुजीत मौर्य, किसान
इधर, खरीदी केंद्र से जब्त किया अमानक अनाज
रहली. खरीदी केंद्रों पर बरती जा रही अनियमितताएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। जबकि समर्थन मूल्य खरीदी की तिथि समाप्त हो चुकी हैं। इसके बाद भी मंडी में चना पहुंच रहा है। यह चना किसानों का नहीं, बल्कि व्यापारी एवं समिति प्रबंधकों का है। जिसकी तुलाई १० जून को रातभर की गई। जब किसानों ने इसकी शिकायत की तो प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुचें और खरीदे जा रहे माल की जांच की। केन्द्र संचालकों द्वारा खरीदा जा रहा चना अमानक पाया गया। मौके पर कई वाहनों में भी अनाज भरा पाया गया।
एसडीएम एलके खरे के निर्देश पर तहसीलदार सीजी गोस्वामी ने करीब 39 क्विंटल अमानक चना होने पर जांच के दौरान जब्त किया। वहीं मंडी प्रांगण में सात ट्रैक्टर-ट्रॉली लावारिस मिले। जिनकी जानकारी लेने पर कोई भी दावेदार सामने नहीं आया। उनकी जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश खाद्य अधिकारी निशांत पांडे को दिए गए।
किसान राहुल दुबे ने बताया कि अनाज 9 जून को तुलवा लिया था और साथ में टोकन भी ले लिया था, लेकिन अभी तक तुलाई की पर्ची नहीं दी गई है। पर्ची लेने के लिए ऑपरेटर के पास गए तो उन्होंने बताया कि अभी पर्ची नहीं निकल रही है। इस दौरान किसानों को एमडीएम ने बताया कि चना वापस ले जाओ, तुलाई का काम बंद हो गया है। मामला उजागर होने के बाद अधिकारी व केन्द्र प्रभारियों बैठक एक बंद कमरे में होती रही। जिसमें आपसी सहमती से पूरा मामला रफादफा करने की सुगबुगाहट सामने आई है।
इसी प्रकार का एक मामला चांदपुर केन्द्र का भी सामने आया था जहां करीब 6 घंटे तक अधिकारियों ने मौके पर पहुुंचकर जांच की। जो केवल सैंपल लेकर जांच करने की बात कही और वापस चले गए। जिससे किसानों में भी रोष पनप रहा है। उनका आरोप था कि अनियमितताएं मिलने के बाद भी कार्रवाई नहीं की जा रही है।