सागर

रिमझिम फुहारों के बीच रथ पर सवार होकर निकले भगवान जगन्नाथ, जयकारों से गूंज उठा शहर

शनिवार को रिमझिम फुहारों के बीच भगवान श्री जगन्नाथ रथ पर सवार होकर भ्रमण के लिए निकले तो शहर में उत्सवी माहौल हो गया। धार्मिक धुनों पर भक्त झूम उठे।

सागरJul 15, 2018 / 04:08 pm

गुलशन पटेल

The rath yatra Of Bhagwana Jagannath

सागर. शनिवार को रिमझिम फुहारों के बीच भगवान श्री जगन्नाथ रथ पर सवार होकर भ्रमण के लिए निकले तो शहर में उत्सवी माहौल हो गया। धार्मिक धुनों पर भक्त झूम उठे। रथ को खींचने के लिए बड़े, बच्चे और महिलाएं भी उमड़ीं।
ज्येष्ठ मास की पूर्णमासी से बीमार पड़े भगवान जगन्नाथ स्वामी आषाढ़ माह की कृष्ण पक्ष अमावस्या यानी की शुक्रवार को ठीक हो गए थे, इसके बाद शहर में शोभायात्राएं निकाली गईं। शहर में प्रमुख शोभायात्रा बड़े बाजार के अटल बिहारी मंदिर, रामबाग मंदिर और गोपालगंज स्थित वृन्दावन बाग मंदिर से निकाली गई।
शाम को 5 बजे से यात्राओं की शुरूआत हुई। फूलों से सजे रथ में भगवान सवार थे। इसके साथ साहू समाज मंदिर बड़ा बाजार, राधावल्लभ मंदिर, राधागोविंद मंदिर, जगन बल्देव मंदिर, कुंजीलाल जगन्नाथ स्वामी मंदिर लक्ष्मीपुरा, बांके बिहारी मंदिर चमेली चौक से भी शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में शुध्द घी से बने मालपुआ श्रद्धालुओं को प्रसाद स्वरूप बांटे गए।
जन्मस्थान पर पहुंचे
बड़े बाजार के अटल बिहारी मंदिर से शोभायात्रा निकाली गई, जो बड़ा बाजार, कोतवाली, कटरा, विजय टॉकिज होते हुए इतवारी टौरी पर रुकी। आज भगवान श्री जगन्नाथ अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ अपने जन्म स्थान पर पहुंचे। नौ दिनों तक यहां रहने के बाद भगवान जगन्नाथ दशमी को वापसी करेंगे। यहां से 200 वर्षों से ज्यादा रथ यात्रा निकल रही है।
हाथी, घोड़े रहे आकर्षण का केंद्र
गोपालगंज स्थित वृन्दावन बाग मंदिर से शोभायात्रा यात्रा शाम ५ बजे निकली गई, जो बस स्टैंड से होते हुए वापस मंदिर पहुंची। यहां शोभायात्रा में हाथी-घोड़े आकर्षक का केंद्र रहे। महंत नरहरि दास महाराज ने बताया कि महराष्ट्र, वृंदावन, अयोध्या और चित्रकू के संत यात्रा में शामिल हुए। आचार्य गोपाल महाराज ने भक्तों का स्वागत राधे-राधे का तिलक लगाकर किया।
भक्तों को बांटे मालपुआ
रामबाग मंदिर से भी बड़ी शोभायात्रा निकाली गई। महंत घनश्याम दास महाराज ने बताया रथयात्रा मोतीनगर, राहतगढ़ बस स्टैंड, विजय टॉकीज, तीनबत्ती और चकराघाट होकर वापस मंदिर में ही समाप्त हुई। रास्ते में जगह-जगह श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन करते हुए उनकी आरती की और प्रसाद भी अर्पित किया।
भगवान का अभिषेक
परकोटा स्थित झिरना मंदिर श्री देव जानकी रमण दनादन मंदिर से भी रथयात्रा निकाली गई। जो तीन बत्ती, कोतवाली, बड़ा बाजार, रामबाग मंदिर से वापस कोतवाली, तीन बत्ती, भीतर बाजार से होती मंदिर पहुंची, जहां समापन किया गया। महंत पं. अंबिकेश महाराज ने बताया कि यात्रा के पहले सुबह 9 बजे जगन्नाथ भगवान का अभिषेक हुआ।

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