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स्वस्थ हुए जगन्नाथ, करेंगे भ्रमण

locationसागरPublished: Jul 14, 2018 04:44:24 pm

ज्येष्ठ मास की पूर्णमासी से बीमार पड़े भगवान जगन्नाथ स्वामी आषाढ़ माह की कृष्ण पक्ष अमावस्या यानी की शुक्रवार को स्वस्थ हो गए।

The Rath Yatra of Lord Jagannath

The Rath Yatra of Lord Jagannath

सागर. ज्येष्ठ मास की पूर्णमासी से बीमार पड़े भगवान जगन्नाथ स्वामी आषाढ़ माह की कृष्ण पक्ष अमावस्या यानी की शुक्रवार को स्वस्थ हो गए। ज्येष्ठ मास की पूर्णमासी से बीमार पड़े भगवान जगन्नाथ स्वामी आषाढ़ माह की कृष्ण पक्ष अमावस्या यानी की शुक्रवार को स्वस्थ हो गए। अब रविवार को भगवान रथ में सवार होकर भ्रमण करेंगे। शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में रथयात्रा की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। वैद्य ने आकर भगवान की नाड़ी देखी और बताया कि जगत के पालनहार अब पूर्णत: स्वस्थ हैं। शनिवार को परमा और दोज एक साथ होने पर भगवान का श्रंगार होगा और उसके बाद भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा के साथ रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। बड़ा बाजार स्थित श्रीरामबाग मंदिर की रथयात्रा शाम 5 बजे शुरू होगी, जो मोतीनगर, राहतगढ़ बस स्टैंड, बाइसा मोहाल, राहतगढ़ बस स्टैंड से बड़ा बाजार, तीनबत्ती, कटरा होते हुए वापस मंदिर में लौटेगी। भगवान को शुद्ध घी से बने मालपुओं का भोग लगाया जाएगा। 25 किलो आटे से इसे मालुपआ तैयार किया जाएगा।
रहली नगर में शनिवार को धूमधाम से भगवान जगन्नाथ की दो रथयात्रा निकाली जाएंगी। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई हैं। रथ में सवार होकर भगवान जगदीश स्वामी अपने राज्य के भ्रमण पर होते हैं। वयोवृद्ध मनमोहन शर्मा ने बताया कि उनके स्वागत में परंपरानुसार मालपुओं का भोग एवं नए पान अर्पित किए जाते हैं। श्रीदेव सीताराम न्यास के अध्यक्ष सुशील हजारी ने बताया दोपहर 2 बजे देवलिया मंदिर से रथयात्रा शुरू होगी, जो मुख्य मार्गों से होती हुई राव मार्केट स्थित श्रीदेव सत्यनारायण मंदिर पहुंचेगी।
वार्ड 10 स्थित प्राचीन जगदीश स्वामी मंदिर के पुजारी रमेश बैरागी ने बताया शाम 5 बजे रथ यात्रा शुरू होगी, जो नगर भ्रमण कर रामतिराहा स्थित रामलला पटैरिया जी मंदिर में पहुंचेगी। रथ में भगवान जगदीश स्वामी भाई बलदाऊ और बहन सुुुभद्रा के साथ विराजकर भ्रमण के लिए निकलेंगे। गौरतलब है कि सत्रहवीं सदी के आसपास मराठाकाल में भगवान जगदीश स्वामी के मंदिर का निर्माण हुआ था। समय के साथ-साथ मंदिर तो जीर्णशीर्ण हो गया, लेकिन बरसों पुरानी रथयात्रा का आकर्षण बढ़ता जा रहा है।

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