जनपद क्षेत्र के शिवपुरी ग्राम पंचायत की महिला सरपंच द्वारा 16 वर्ष की बेटी का विवाह कराने और टीकमगढ़ के जतारा गांव से बारात आने की सूचना विशेष किशोर इकाई को मिली थी। सूचना पर विशेष किशोर इकाई निरीक्षक एनएल सान्या, ज्योति तिवारी, सतीश तिवारी, साजिद खान व चाइल्ड लाइन की टीम में शामिल मोनू मौर्य, सोनम रजक, धरमू पटेल रवाना हो गए। शाम 7.30 बजे टीम जब शिवपुरी पहुंची तो वहां बारात की तैयारियां पूरी हो चुकी थीं। परिजनों ने पहले तो टीम को सूचना गलत होने की बात कहकर टालने की कोशिश की लेकिन जब टीम ने पड़ताल की तो दुल्हन के नाबालिग होने की पुष्टि हो गई।
महिला सरपंच के परिवार ने टीम के सदस्यों को विवाह नहीं रोकने का निवेदन करते हुए उन्हें रिश्वत में पांच हजार रुपए देने की भी कोशिश की गई। अधिकारियों ने महिला सरपंच के पति और बारात लेकर आए दूल्हे के पिता से चर्चा की और उन्हें कानूनी प्रावधान समझाए। जेल जाने की बात सामने आने पर परिजन व रिश्तेदार पीछे हट गए जिसके चलते लिखित आश्वासन देकर शादी टाल दी गई।
नाबालिग दुल्हन ब्याहने बारात लेकर आया था 19 साल का दूल्हा, शादी रोक लौटाया –
विशेष किशोर इकाई ने मंगलवार रात रहली के छिरारी गांव में सारी तैयारियों के बीच 17 साल की दुल्हन को ब्याहने आए दमोह के दूल्हे की बारात लौटा दी। द्वाराचार की रस्म पूरी कर दूल्हा मंच पर बैठ चुका था। वरमाला होने वाली थी। टीम को अचानक मंच के नजदीक देख सब हैरान रह गए। टीम ने दूल्हा-दुल्हन की आयु के संबंध में पूछताछ शुरू की तो पहले तो परिजन दावा करते रहे लेकिन दुल्हन के बालिग और दूल्हे की उम्र 21 साल होने का प्रमाण नहीं दे पाए।
तब किशोरी और 21 वर्ष से कम उम्र के दूल्हे की शादी कराने पर दंड की चेतावनी दी गई तो परिजनों का जोश ठंडा पड़ गया। इस बीच कुछ लोगों ने टीम के सदस्यों पर दबाव बनाने का प्रयास किया। कुछ जनप्रतिनिधियों से भी बात कराई लेकिन टीम ने मामला वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में होने का कहकर दोनों पक्षों की सहमति से पंचनामा कार्रवाई पूरी की और दूल्हे को बारात सहित वापस लौटा दिया।