– 50 लोगों पर केंद्रित होगी रिसर्च
जानकारी के मुताबिक बीएमसी 50 उन लोगों का चयन करेगी, जिन्हें वैक्सीन लगाई जा चुकी है। ये वे लोग होंगे जिन्हें वैक्सीन का पहला डोज 10 दिन पहले लगा है। जानकार बताते है कि वैक्सीन लगने के 8 से 10 दिन के भीतर शरीर मे एंटी बॉडी बन जाती है। वही जिन लोगों में एंटी बॉडी नही पाई जाएगी तो उनके दोबारा सैम्पल लिए जाएंगे। यह सैम्पल दूसरा डोज लगने के 10 दिन बाद लेंगे।
-ऐसे किए जाते हैं सीरोलॉजिकल टेस्ट?
आम तौर पर कोविड19 के लिए टेस्ट में नाक और गले से स्वैब निकाला जाता और फिर आरटीपीसीआर टेस्ट किया जाता है। इसके नतीजे़ आने में 6-8 घंटे का वक़्त लगता है। इससे ये पता चलता है कि इंसान को टेस्ट के दौरान कोविड-19 बीमारी है या नहीं।
यह ब्लड टेस्ट के जरिए किया जाता है। इसमें नतीजे आने में आधे घंटे का वक्क्त लगता है।
-आईसीएमआर पुणे भेजे जाएंगे सैम्पल
यदि वैक्सीन के दोनों डोज लगने के बाद भी किसी व्यक्ति के शरीर मे एंटी बॉडी नहीं पाई जाती है। तो वैक्सीन का सच जानने के लिए ऐसे लोगों के सैम्पल आईसीएमआर पुणे भेजे जाएंगे। अधिकृत रूप से इसकी पुष्टि पुणे की लैब से आने वाली रिपोर्ट की करेगी।
वैक्सीन लगने के बाद अभी तक एक भी मामला साइड इफेक्ट का नहीं आया है। हम एक रिसर्च करगे, जिसमें स्टाफ के 50 लोगों का एंटीबॉडी टेस्ट होगा।पहले वैक्सिंग लगवाने के बाद जिनके शरीर मे एंटीबॉडी नहीं पर मिलती है तो दूसरे डोज के बाद टेस्ट होगा। उद्देश्य, यह जानना है कि वैक्सीन लगने के बाद शरीर में एंटीबॉडी बन रही है या नहीं।
डॉ सुमित रावत, प्रभारी वायरोलॉजी लैब बीएमसी