फुलेरा दोज पर विवाह
पं. शिवप्रसाद तिवारी ने बताया कि फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को फुलेरा दूज मनाई जाती है। जिसे फुलेरिया दूज के नाम से भी जाना जाता है। इसे फाल्गुन मास में सबसे ज्यादा पावन दिन माना जाता है। मथुरा और वृंदावन में इस दिन को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व को फूलों का त्योहार भी कहा जाता है। इस दिन राधा और कृष्ण को अबीर और गुलाल अर्पित किया जाता है। इस दिन से ही होली की शुरुआत भी हो जाती है। फुलेरा दूज का दिन सभी दोषों से मुक्त माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार फुलेरा दूज का दिन विवाह के लिए अत्यंत ही शुभ माना जाता है।
स्वयं सिद्ध अबूझ मुहूर्त
25 फरवरी को फुलेरा दोज, 26 अप्रैल को आखातीज, 7 मई को पीपल पूर्णिमा, 1 जून को गंगा दशमी, 2 जून निर्जला एकादशी, 29 जून को भड़ल्या नवमी और 1 जुलाई को देव शयन एकादशी।
शुभ लग्न मुहूर्त
फरवरी – 5, 9, 10, 12, 16, 19, 20, 21, 25, 26, 27, 28
मार्च – 1, 11, 12
अप्रैल – 2, 15, 16, 17, 20, 23, 26, 27
मई – 3, 4, 6, 7, 10, 17, 18, 20, 22
जून – 7, 10, 11, 12, 17, 29
जुलाई – 1
नवंबर – 25, 30
दिसंबर – 1, 7, 8, 9, 10, 11