लैब में नहीं है स्टाफ, देखरेख के अभाव में हो रही जर्जर
सागर
Published: March 31, 2022 09:16:19 pm
बीना. कृषि विभाग द्वारा हर वर्ष रबी सीजन की फसल कटने पर मिट्टी परीक्षण के लिए लक्ष्य आता है और फिर अलग-अलग खेतों से सैम्पल लिए जाते हैं। कोरोना के चलते दो वर्षों से लक्ष्य न आने के कारण परीक्षण नहीं हुआ है और इस वर्ष भी विभाग को लक्ष्य आने का इंतजार है। हर वर्ष मिट्टी की जांच कर यह पता लगाया जाता है कि उसमें किस पदार्थ की कमी है और किसकी मात्रा ज्यादा है। रिपोर्ट के अनुसार ही किसानों को खाद का उपयोग करने की सलाह दी जाती है, लेकिन ब्लॉक में पिछले दो वर्षों से मिट्टी की जांच नहीं हुई है। कोरोना के चलते दो वर्षों से लक्ष्य न आने के कारण सैम्पल नहीं लिए गए हैं और इस वर्ष भी अभी तक लक्ष्य नहीं आया है। लक्ष्य आने के बाद ही बजट आवंटित किया जाता है। बिना मिट्टी परीक्षण के ही किसान फसलों में खाद डाल रहे हैं, जिससे मिट्टी खराब हो रही है। यदि जरूरत के हिसाब से खाद डाला जाए तो उससे मिट्टी की सेहत पर असर नहीं पड़ेगा। हर वर्ष अलग-अलग लक्ष्य दिया जाता है और उसके अनुसार सैम्पल लिए जाते हैं, तो कुछ सैम्पल किसान स्वयं लेकर आते हैं।
मशीनें खा रही हैं धूल
लाखों रुपए खर्च कर लैब का निर्माण किया गया है और मशीनें भी लगाई गई हैं, लेकिन उन्हें चलाने वाला कोई नहीं है। क्योंकि लैब में स्थाई स्टाफ की व्यवस्था नहीं की गई है। पिछले वर्षों में जो जांच हुई है उसमें शासन की ओर से अस्थाई रूप से स्टाफ भेजा गया था। यदि स्थाई स्टाफ की व्यवस्था की जाए तो कभी भी किसान लैब पर पहुंचकर जांच करा सकते हैं।
अभी तक नहीं आया लक्ष्य
अभी तक मिट्टी परीक्षण का कोई लक्ष्य नहीं आया है। इस माह लक्ष्य आ सकता है। लक्ष्य आने पर ही अस्थाई कर्मचारी आकर सैम्पल की जांच करते हैं। कोरोना के कारण पिछले दो वर्षों से मिट्टी परीक्षण नहीं हो पाया है।
राकेश परिहार, आरएइओ
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