बन सकता है अच्छा पिकनिक स्पॉट
केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने बुंदेलखंड में विकास कार्यों खासतौर पर सिंचाई का रकबा बढ़ाने के लिए बुंदेलखंड विशेष पेकेज दिया था। इसी पेकेज के तहत करोड़ो रुपए की राशि से छोटी-बड़ी बांध जलाशय परियोजनाओं का खाका खींचा गया और उसी खाके में सागर विधानसभा में एक मात्र कनेरादेव बांध जलाशय योजना स्वीकृत की गई। करीब 4 करोड़ की इस परियोजना का भूमिपूजन प्रदेश के तत्कालीन जल संसाधन मंत्री जयंत मलैया ने 31 अक्टूबर 2010 को किया था। बांध क्षेत्र को पर्यटन स्थल में विकसित करने के लिए विधायक शैलेंद्र जैन ने कार्य तो किया लेकिन ध्यान नहीं दिया। तीन ओर से पहाडियों से घिरे इस जलाशय में पानी रोकने के लिए मिट्टी का बांध बनाकर उस पर पत्थरों की पिचिंग की गई है। वादियों से घिरे इस जलाशय पर पर्यटन और एक अच्छा पिकनिक स्पॉट का रुप दिया जा सकता है, लेकिन अनदेखी के चलते मामला ठंडे बस्ते में है।
मूल संरचना से छेड़छाड़ ।़
सूत्र बता रहे हैं कि इस इलाके में कट रही कॉलोनियों की वजह से बांध की आेरीजल संरचना से क्षेड़छाड़ की गई है। जलाशय का कैचमेंट एेरिया बढ़ाने के लिए एेरिया को डाईवर्ट किया गया है। इसके अलावा पाईप डाल कर पहाड़ो से आने वाले बरसाती पानी का फ्लो रुक गया है।
पहाड़ पर जाना पड़ता पेयजल लेने
ग्रामवासियों का कहना था कि, बांध में बरसात का पानी आता तो है, लेकिन ठहरता नहीं है। कनेरा निवासी गोटीराम दाऊ का कहना था कि वर्षा के बाद कुछ माह को छोड़कर शेष माह जलाशय खाली रहता है। गांव में पेयजल की कमी है। पानी के लिए दूर पहाड़ के पास कुएं तक जाना पड़ता है। इसके अलावा क्षेत्र के पशु पालकों को भी परेशानी होती है।
परियोजना एक नजर में
– बांध का जल संग्रहण क्षेत्र- 1056 वर्ग मीटर
– लागत- 283.91 लाख
– बांध की लंबाई- 260 मीटर
– ऊंचाई- 13.83 मीटर
– जल भराव क्षमता- 18.90 मि. घनफुट
– जल निकासी के लिए अलग से द्वार
– जलाशय नहर की लंबाई- 1650 मीटर