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अगस्त में धर्ममय है पूरा महीना,कन्हैया झूले रहे झूला और भोले की हो रही विशेष आरधना

locationसागरPublished: Aug 02, 2021 11:11:51 am

Submitted by:

Atul sharma

अगस्त माह में त्योहारों का उत्साह, रक्षाबंधन के साथ इस माह मनाई जाएगी जन्माष्टमी

सागर.अगस्त के महीने की शुरुआत हो चुकी है। अगस्त का महीना त्योहारों से भरा है। सागर के स्थानीय बुंदेलखंड पंचांग के अनुसार 22 अगस्त तक सावन का महीना रहेगा। सावन के महीने में कई त्योहार पड़ते हैं। सनातन धर्म के कई प्रमुख त्योहार इस बार अगस्त के महीने में पड़ रहे हैं। भगवान भोलेनाथ का प्रिय मास होने से जहाँ सावन के अगले सभी सोमवार अगस्त में आज 16 और 23 अगस्त को हैं तो वही रक्षाबंधन और जन्माष्टमी भी अगस्त में ही पड़ रहे हैं। सावन माह में भोले की आराधना होती है। भगवान कृष्ण को झूले में झुलाया जाता है। मंदिरो में हरियाली तीज पर झूल डलते हैं।
दुकानों पर कन्हैया के आकर्षक झूले हैं तो भोलेनाथ की पूजा के लिए रुद्राक्ष मालाएं, महामृत्युंजय यंत्र और त्रिशूल आदि है।बाजार में शिव पूजा में चढ़ाने के लिए त्रिशूल, डमरू, कलश, बेलपत्र और आर्टिफिशियल सर्प आदि की बाजारों में बिक्री हो रही है। सर्वाधिक मांग चांदी से बने सर्प की है। सावन में पूजा की थाली आकर्षण है। इसमें शिवलिंग, चंदन, सुपारी, कपूर, रुद्राक्ष की मालाएं, महामृत्युंजय यंत्र आदि सामग्री एक साथ मिलेगी। इसके अलावा सावन में कई श्रद्धालु भगवान कन्हैया को घर में झूले पर विराजमान करते हैं।
अगस्त में कब कौनसा प्रमुख त्योहार
4 अगस्त, कामिका एकादशीकामिका एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना की जाती है। एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है।
5 अगस्त, प्रदोष व्रत
सावन माह में कृष्ण पक्ष में पडऩे वाला प्रदोष व्रत 5 अगस्त को है। 5 अगस्त को गुरुवार है, इसलिए इस प्रदोष व्रत को गुरु प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा। इस दिन भोले शंकर और माता पार्वती की पूजा- अर्चना की जाती है।
मासिक शिवरात्रि, 6 अगस्त
6 अगस्त को मासिक शिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाएगा। मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शंकर की पूजा- अर्चना की जाती है। सावन के महीने में पडऩे वाली मासिक शिवरात्रि का महत्व बहुत अधिक होता है।
श्रावण अमावस्या, 8 अगस्त
8 अगस्त को श्रावण अमावस्या है। सावन माह में पडऩे वाली अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म में अमावस्या का बहुत अधिक महत्व होता है।
नाग पंचमी, 13 अगस्त
सावन माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पावन पर्व मनाया जाता है। इस पावन दिन नाग देवता की पूजा- अर्चना की जाती है।
सिंह संक्रांति, 17 अगस्त
सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्रांति के नाम से जाना जाता है। 17 अगस्त को सूर्य सिंह राशि में प्रवेश कर जाएंगे। इस दिन भगवान सूर्य, विष्णु भगवान और नरसिंह भगवान की पूजा की जाती है।
पुत्रदा एकादशी, 18 अगस्त
हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है। सावन माह में शुक्ल पक्ष में पडऩे वाली एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह व्रत संतान प्राप्ति के लिए रखा जाता है।
प्रदोष व्रत, 20 अगस्त
सावन माह में शुक्ल पक्ष में पडऩे वाला प्रदोष व्रत 20 अगस्त को है। 20 अगस्त को शुक्रवार है, इसलिए इस प्रदोष व्रत को शुक्र प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा। इस पावन दिन माता पार्वती और भोलनाथ की पूजा- अर्चना की जाती है।
रक्षाबंधन, 22 अगस्त
भाई- बहन का पावन त्योहार रक्षाबंधन 22 अगस्त को मनाया जाएगा। इस पावन दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं।

जन्माष्टमी, 30 अगस्त
कृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व हर साल भाद्रपद महीने में कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप की पूजा होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था।
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