scriptसस्ते अनाज के लिए संघर्ष : संभाग के 145 गांव में नहीं है राशन की दुकानें,अनाज के लिए लोग तय कर रहे 10 से 15 किमी का सफर | There are no ration shops in 145 villages of the division | Patrika News

सस्ते अनाज के लिए संघर्ष : संभाग के 145 गांव में नहीं है राशन की दुकानें,अनाज के लिए लोग तय कर रहे 10 से 15 किमी का सफर

locationसागरPublished: Oct 21, 2021 08:36:26 pm

Submitted by:

Atul sharma

सागर. सस्ते अनाज के लिए लोगों को संघर्ष करना पड़ रहा है। इसके पीछे वजह यह है कि संभाग के १४५ गांव में राशन की दुकानें ही नहीं हैं, जिसमें सागर जिले की 35 पंचायतें शामिल हैं।

सागर. सस्ते अनाज के लिए लोगों को संघर्ष करना पड़ रहा है। इसके पीछे वजह यह है कि संभाग के १४५ गांव में राशन की दुकानें ही नहीं हैं, जिसमें सागर जिले की 35 पंचायतें शामिल हैं। पंचायतों में दुकान न रहने की वजह से लोगों को राशन लेने के लिए एक गांव से दूसरे गांव जाना पड़ रहा है। हर माह गांव में राशन की दुकान न होने से लोग 10 से 20 किमी का सफर तय करते हैं। हितग्राही राशन लेने के लिए पैदल या साइकिल से दूसरे गांव पहुंचते हैं। हितग्राहियों का कहना है कि राशन की दुकान खुलना चाहिए। दुकान न रहने से राशन लेने जाने में ज्यादा खर्च हो जाता है। १ रुपए किलो का राशन लेने के लिए ऑटो या मोटर साइकिल से जाओ तो 100 रुपए तक का खर्च हो जाता है। हर माह वर्षों से ऐसे ही संघर्ष करते आ रहे हैं। यदि राशन लेने दूसरे गांव नहीं गए तो राशन ही नहीं मिल पाता है।
१३ लाख ७५ हजार परिवारों मिलता है राशन
संभाग में 13 लाख 75 हजार 514 परिवारों को उचित मूल्य की दुकानों से राशन मिलता है। जिसमें सागर जिले के ४ लाख १८ हजार लोग शामिल हैं। जिले में अभी ८९१ ही राशन दुकान संचालित की जा रही है। ३५ पंचायतों में राशन न मिलने से हितग्राही परेशान होते हैं। राशन न मिलने से सबसे ज्यादा परेशानी बुर्जुगों को होती है।
९ किमी जाते हैं पैदल
बीना जनपद में ग्राम पंचायत हींगटी निवासी भगवानदास ने बताया कि उन्हें राशन लेने 9 किलोमीटर दूर ढुरूआ जाना पड़ता है, जिससे कई बुजुर्ग दुकान तक ही नहीं पहुंच पाते हैं। यदि बीना या हिरनछिपा से राशन मिले तो दूरी कम हो जाएगी और हितग्राही परेशान नहीं होंगे। उन्होंने बताया कि गांव में राशन की दुकान खुली ही नहीं है। हर माह राशन के लिए परेशानी होती है।
हमारे गांव में ही खोलें दुकान
ग्राम पंचायत सेमरखेड़ी की 65 वर्षीय द्रोपति बाई ने बताया कि निवोदा राशन लेने जाना पड़ता है। जो वृद्ध अकेले हैं वह राशन लेने नहीं पहुंच पाते हैं, इसलिए गांव में दुकान खुलना जरूरी है या फिर ऐसे लोगों के घर पर राशन भेजने की व्यवस्था की जाए। द्रोपति ने बताया कि पैदल चलने में परेशानी होती है और राशन दुकान नहीं रहने हर महीने परेशान होते हैं।
जिले में यहां नहीं है राशन दुकानें
बंडा – सलैयाकलां, सेमरा अहीर, पडवार, बीजरी, क्वायला, पिपरिया चौदा, नैनधरा
शाहगढ़ – लुडयारा, रामपुरा सागर – खैराई, किशनपुरा, गढ़ौलीकलां
जैसीनगर – बिजौरा, सोमला,सरखड़ी देवरी – बिजौर, सुजानपुर
बीना – महादेवखेड़ी, जोध, रामसागर, गढ़ोली, बेधई, पिपरासर, मुहासा, खजुरिया, कौरंजा, बैसराकसाई, हींगटी, सेमरखेड़ी, गुरयाना
मालथौन – हड़ली,वनखिरिया, उमरई
रहली – जूना, छपरा, बगरोन
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