खैराना. ‘रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून, पानी गए न ऊबरे, मोती, मानुष चूनÓ कवि रहीम की यह पंक्तियां ग्राम खैराना में गहराए जलसंकट को बयां कर रही हैं। ग्राम में स्थित जलस्रोत सूख गए हैं। जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पानी की व्यवस्था करने के लिए दूर-दूर से करना पड़ रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि जलसंकट गहराने के बाद भी जिम्मेदार अफसरों द्वारा लगातार अनदेखी की जा रही है। लोगों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। मुख्य बस स्टैंड पर लगा हैंडपंप विगत कई दिनों से बिगड़ा है। जिसकी शिकायत अमर सिंह ठाकुर, बालक विश्वकर्मा, सीताराम प्रजापति, रोहित प्रजापति, अभय सिंह ठाकुर, गोविंद, राजेश ठाकुर, गोपाल रैकवार एवं धर्मेंद्र पटेल द्वारा 181 पर दर्ज कराने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इन्होंने समस्या हल कराने की मंाग की है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि पानी की समस्या को हल नहीं कराया गया तो आंदोलन किया जाएगा।