इस महीने 11 जुलाई को एकसाथ रवि पुष्य नक्षत्र, राजयोग और सर्वार्थसिद्धि योग आने से सभी काम विशेष फलदाई रहेंगे। पं.शिव प्रसाद तिवारी के अनुसार इस दिन हर तरह की खरीदारी चीर स्थाई और समृद्धि देने वाली होती है। इस योग में सोना, चांदी, आभूषण और इलेक्ट्रॉनिक आइटम खरीदने का विशेष महत्व रहता है। वहीं 30 जुलाई को तीन योग अमृतसिद्धि, सर्वार्थ सिद्धि व रवियोग का संगम रहेगा।
आज ४ जुलाई को सर्वार्थसिद्धी योग है। पं. श्रवण मिश्रा ने बताया कि इसके साथ 6, 7, 11, 24, 29 और 30 जुलाई को ये योग बन रहा है। ये विशेष संयोग तिथि, वार और नक्षत्रों से मिलकर बनता है। इस शुभ योग में किया गया हर काम सफल और फायदा देने वाला होता है। इस योग में किसी भी तरह का कॉन्ट्रैक्ट, ज्वेलरी की खरीदी-बिक्री करना चाहिए। जॉब या व्यापार के खास काम भी इस मुहूर्त में शुरू कर सकते हैं।
30 जुलाई को अमृतसिद्धि शुभ संयोग बन रहा है। इस शुभ योग में किए गए काम लंबे समय तक फायदा देते हैं। अमृतसिद्धि योग में किए गए दान और पूजा-पाठ से अक्षय पुण्य मिलता है। इस योग में मांगलिक काम किए जा सकते हैं। बिजनेस संबंधी समझौता, नौकरी के लिए आवेदन, जमीन, व्हीकल, कीमती धातुओं की खरीदारी और विदेश यात्रा इस शुभ मुहूर्त में करनी चाहिए। वहीं द्विपुष्कर योग २५ जुलाई को बनेगा। द्विपुष्कर योग वार, तिथि और नक्षत्र से मिलकर बनने वाला ऐसा योग है, जिसमें एक बार किया गया काम फिर से करने के योग बनते हैं। इसलिए इस मुहूर्त में कोई भी शुभ काम, निवेश, बचत, खरीदारी और फायदे वाला लेन-देन करने चाहिए।
छह जुलाई को त्रिपुष्कर शुभ योग बन रहा है। ये योग द्विपुष्कर की तरह ही होता है। ये शुभ मुहूर्त तीन गुना फल देने वाला होता है। इसलिए इसे त्रिपुष्कर कहा जाता है। क्योंकि, इस योग के दौरान किए गए काम को दो बार और दोहराना पड़ता है। इस तरह, उस काम का तीन गुना फायदा मिलता है। इस योग में भी सावधानी रखनी चाहिए कि कोई अशुभ या ऐसा काम नहीं करना चाहिए, जिसमें नुकसान होने की आशंका हो।
रविवार ११ जुलाई को पुष्य नक्षत्र में चंद्रमा होने से रविपुष्य योग बनेगा। ज्योतिष के मुहूर्त ग्रंथों के मुताबिक, इसमें हर तरह के काम किए जा सकते हैं। इस को गुरु पुष्य योग जितना ही महत्व दिया गया है। रवि पुष्य योग में औषधियों की खरीदारी या दान करना शुभ होता है। माना जाता है ऐसा करने से सेहत अच्छी रहती है और उम्र भी बढ़ती है।