यहां एक रात में बना था यह शिव मंदिर, एक साथ होते हैं एक हजार शिवलिंग के दर्शन
1200 ईसा पूर्व बना था मंदिर

प्रशांत सोलंकी @ मंडीबामोरा. रेलवे स्टेशन से पूर्व दिशा में महज आधा किमी दूर स्थित प्राचीन मंदिर में हजारिया महादेव लोगों की आस्था का केन्द्र बना हुआ है। 1200 ईसा पूर्व बने इस मदिर में ऐसी शिवलिंग प्रतिमा है, जिसमें एक साथ एक हजार शिवलिंग के दर्शन होते हैं और इस मंदिर को हजारिया महादेव मंदिर के नाम से पहचाना जाता है।
आज शिवरात्रि के मौके पर मंदिर में शिवजी के दर्शन करने के दूर—दूर से भक्त यहां पहुंचेंगे। हजारिया महादेव मंदिर परिसर में रात्रि आठ बजे शिवाभिषेक व भजन संध्या का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसके पूर्व बिहारी जी ट्रस्ट के बगीचे से शिव बारात निकाली जाएगी, जिसमें भक्त भोलेनाथ सहित अन्य भगवानों का रुप धारण करेंगे। पूरा मंडीबामोरा क्षेत्र बाराती बनेगा। बारात का समापन हजारिया मंदिर परिसर में होगा।

यह है मंदिर का इतिहास
बताया जाता है कि मथलापुर की बाउली, भोजपुर के खंभ, उदयपुर के देहरा और मढ़बामोरा का मढ़ एक ही रात में बने थे। इसके बाद यहां मढ़बामोरा गांव बसा था। मंदिर परिसर में अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाओं भी स्थापित हैं। जिस पत्थर से मंदिर बना है उस पत्थर को देखकर पता लगता है कि मंदिर परमाण काल 1200 ई.पूर्व में बना है। मंदिर की खास बात यह कि यहां कोई पुजारी नहीं है, भोले के भक्त स्वयं बेलपत्र व अन्य पूजन सामग्री शिवलिंग पर चढ़ाते हैं। अभी भी राजा विराट की नगरी में हजारिया महादेव मंदिर से 200 मीटर के दायरे में 5 फिट की खुदाई पर मूर्ति निकलती हैं। जिन्हें लोग इसी मंदिर में रख जाते हैं या फिर अपने घर के पूजा स्थान पर रख लेते हैं। जानकार बताते है कि यहां पहले कोई पुरानी बस्ती भू-गर्भित हुई होगी, जिससे यह पत्थर की प्रतिमाएं निकलती हैं।
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