scriptजो पैदा ही नहीं हुए, डॉक्टर साहब ने उन्हें भी लगा दिए बीसीजी टीके | Those who have not been born, use BCG vaccines | Patrika News

जो पैदा ही नहीं हुए, डॉक्टर साहब ने उन्हें भी लगा दिए बीसीजी टीके

locationसागरPublished: Feb 20, 2018 12:38:29 pm

नेशलन हेल्थ बुलेटिन रिपोर्ट से हुआ खुलासा

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टीके से छूत की बीमारी रोकने का प्रयास

आकाश तिवारी.सागर. टीबी जैसी घातक बीमारी से बचाने के लिए बच्चों को लगाए जाने वाले बीसीजी टीके में जिम्मेदारों ने बड़ा गोलमाल किया है। स्थिति यह है कि ऐसे हजारों बच्चों को भी टीके लगा दिए हैं, जो पैदा भी नहीं हुए हैं। नेशनल हेल्थ रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ है। अजन्मे बच्चों को बीसीजी टीका लगाने के मामले में प्रदेश में इंदौर अव्वल है। यहां ७५०० से ज्यादा अजन्मे बच्चों को टीके लगा दिए गए हैं, दूसरे नंबर पर सागर है। यहां स्वास्थ्य अमले ने ४३०० बच्चों को यह टीका लगा दिया है। रिपोर्ट में ऐसे आंकड़े भी सामने आए हैं, जिनमें कई जिलों में तो जन्म ले चुके बच्चों को भी बीसीजी टीके नहीं लगे हैं।
इंदौर और सागर में बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ
अप्रैल २०१७ से नवम्बर २०१७ तक सागर में २६२४६ बच्चे पैदा हुए, लेकिन सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में ३०५४२ बच्चों को टीका लगाया गया। इंदौर में ३७२१० में बच्चों ने जन्म लिया, लेकिन ४४७७२ बच्चों को टीके लगा गए हैं। ७५६२ बच्चे जिन्होंने जन्म तक नहीं लिया।
कीटाणु को निष्क्रिय रखता है बीसीजी
शिशुरोग विशेषज्ञों की मानें तो जन्म के तुरंत बाद बच्चे को बीसीजी टीका लगाया जाता है। इससे बच्चे में टीबी का कीटाणु सक्रिय नहीं होता। विशेषज्ञ बताते हैं कि मनुष्य के शरीर में टीबी के कीटाणु रहते हैं, लेकिन इस टीके के लगने से यह सक्रिय नहीं हो पाते हैं। इस तरह की गड़बड़ियां बताती हैं कि जिम्मेदार कितने अच्छे से काम करते हैं।
सागर संभाग में स्थिति
जिला जन्म बीसीजी प्रति.
सागर २६२४६ ३०५४२ ११६
छतरपुर १८७१३ १८६८९ १००
टीकमगढ़ १३५३९ १६३९५ ९९
पन्ना १५७३५ १६३९५ १०४
दमोह २८१०९ २५०२१ ८९
ये बच्चे वंचित
विदिशा ९, उमरिया ६, उज्जैन १०, रतलाम ६, जबलपुर ८, हरदा १० और छतरपुर में ११ प्रतिशत बच्चों को बीसीजी टीके लगे ही नहीं।
पांच जिलों में भी बच्चों से ज्यादा हुई टीके की खपत

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