scriptतेज हवा से गिरा स्कूल का छप्पर, एेसे कई स्कूलों में जान जोखिम में डालकर भविष्य गढ़ रहे हैं बच्चे | Threat to the lives of innocent children In schools | Patrika News

तेज हवा से गिरा स्कूल का छप्पर, एेसे कई स्कूलों में जान जोखिम में डालकर भविष्य गढ़ रहे हैं बच्चे

locationसागरPublished: Jun 27, 2018 05:03:57 pm

हालांकि उस समय इस कक्ष में कक्षाएं नहीं लगी थीं। अन्यथा बच्चों की जान पर बन आती।

Threat to the lives of innocent children In schools

Threat to the lives of innocent children In schools

सागर. बारिश का मौसम शुरू होते ही शासकीय स्कूलों में पढ़ाई कर रहे मासूमों की जान को खतरा नजर आने लगा है। सोमवार शाम को चली तेज हवा की वजह से एमएलबी स्कूल (२) के कक्ष क्रमांक तीन का छप्पर गिर गया। हालांकि उस समय इस कक्ष में कक्षाएं नहीं लगी थीं। अन्यथा बच्चों की जान पर बन आती। इस स्कूल में प्राथमिक, मिडिल और हायर सेकंडरी की कक्षाएं लगती हैं। प्राचार्य उर्मिला सोनी ने बताया कि नए भवन की मंजूरी कैंट प्रशासन ने दे दी है। इसके बावजूद स्कूल भवन बनाने का काम शुरू नहीं हो सका है। वर्तमान में जिस भवन में स्कूल लग रही है वह १५० साल पुराना है। बारिश के सीजन में जिले के शासकीय स्कूलों को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही की वजह से विद्यार्थियों की मुसीबत बढऩे वाली है। क्योंकि जिले के दर्जनों स्कूलों के स्वयं के भवन नहीं हैं और जो हैं उनमें से ज्यादातर जर्जर स्थिति में हैं। इनकी मरम्मत भी नहीं कराई जा रही है।
१९१ स्कूल भवन जर्जर- जिले के १९१ प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के भवन जर्जर स्थिति में हैं। विभाग के अधिकारियों का कहना है इन जर्जर भवन को गिराने के लिए पीडब्लूडी से कहा गया है और काम भी शुरू हो गया है। इनमें से ३९ जर्जर भवन गिराए जा चुके हैं। जो भवन गिराए जाने हैं उनकी कक्षाएं अतिरिक्त कक्षों में लगेंगी। लेकिन हकीकत में हालात कुछ और ही हैं। पत्रिका ने जिलेभर के स्कूलों का जायजा बुधवार को लिया।

बारिश में कभी भी ढह सकता है भवन
देवरी विकासखंड के अंतर्गत शासकीय प्राथमिक स्कूल जमतरा में नौनिहालों को जर्जर भवन में शिक्षा प्राप्त करनी पड़ रही है। स्कूल का भवन बारिश में कभी भी ढह सकता है। भवन की दीवारों में दरारें आ गई हैं। बारिश में गिरने का डर है। जर्जर स्थिति को देखते शिक्षक अतिरिक्त कक्ष में पढ़ाई कराने को मजबूर हैं, लेकिन एक कक्ष में बच्चों का पढऩा मुश्किल है।
इस संबंध में एसडीएम राकेश मोहन त्रिपाठी ने बीआरसी को पत्र जारी
करके जांच कराने के लिए कहा है।

भवन में जगह-जगह दरारें
बीना में शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल क्र.२ खुद के भवन के अभाव में रेलवे भवन में वर्षों से संचालित हो रहा है। अब यह भवन जर्जर हो गया है और स्कूल के लिए नया भवन भी तैयार कराया गया है, लेकिन स्कूल शिफ्ट नहीं किया जा रहा है। रेलवे के भवन में संचालित स्कूल क्रमांक दो के भवन में जगह-जगह दरारें आ चुकी हैं और छप्पर भी खराब होने लगा है। रेलवे का भवन होने के कारण यहां मरम्मत कार्य नहीं हो पा रहा है। इस संबंध में आपदा प्रबंधन की बैठक में शिक्षा विभाग की ओर से यह प्रस्ताव रखा गया था कि स्कूल को जल्द से जल्द शिफ्ट कराया जाए।

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