नौरादेही, पन्ना टाइगर रिजर्व की तरह हो रहा विकसित
नौरादेही अभयारण्य, पन्ना टाइगर रिजर्व की तरह धीरे-धीरे विकसित हो रहा है। अभयारण्य सागर, दमोह, नरसिंहपुर और रायसेन जिले की सीमाओं में 1197 वर्ग किलोमीटर में फैला है। अभयारण्य में स्थित गांवों के विस्थापन पर तेजी से काम चल रहा है। हाल ही में अभयारण्य के कई गांवों के लोगों के लिए बड़ी संख्या में अवॉर्ड भी पारित किए गए थे।
केन-बेतवा के कारण कम हो जाएगा रिजर्व का दायरा
ढोढन बांध में पन्ना टाइगर रिजर्व की 6017 हेक्टेयर वन भूमि डूब रही है, जिसमें कोर एरिया की 4141 हेक्टेयर भूमि शामिल है। इसकी भरपाई के लिए प्लान तैयार किया गया है। इस प्लान के तहत पन्ना और छतरपुर जिले के गांव कटहरी-बिल्हारा, कोनी, मझौली, गहदरा, मरहा, खमरी, कूडन, पाठापुर, नैगुवां, डुंगरिया, कदवारा, घुघरी, बसुधा की 4396 हेक्टेयर भूमि चिंहित की गई है। ये गांव पन्ना टाइगर रिजर्व के बफर जोन में स्थित है, जिसे अब कोर एरिया में परिवर्तित किया जाएगा। इसके अलावा 1621 हेक्टेयर वन भूमि के एवज में 3242 हेक्टेयर राजस्व जमीन छतरपुर जिले में चिंहित की गई है। इस भूमि पर वनीकरण किया जाएगा, जिसके लिए पन्ना टाइगर रिजर्व को बजट भी दिया जाएगा। इस परियोजना के कारण नौरादेही को महत्व और ज्यादा मिल सकता है और बाघों के विस्थापन का रास्ता और ज्यादा खुल सकता है।
नौरादेही- फैक्ट फाइल
- 9 अप्रेल-2018 को कान्हा से नौरादेही लाई गई थी बाघिन राधा
- 19 अप्रेल-2018 को बांधवगढ़ से लाया गया था बाघ किशन
- मई-2019 में राधा ने 3 शावकों को जन्म
- नवंबर-2021 में राधा ने दो और शावकों को जन्म दिया
बुंदेलखंड में बाघों की स्थिति
बिंदु नौरादेही अभयारण्य पन्ना टाइगर रिजर्व
क्षेत्रफल 1197 वर्ग किलोमीटर 1544 वर्ग किलोमीटर
कुल बाघ 7 70 से ज्यादा
शावक 5 20 से ज्यादा
मौत एक भी नहीं 12 (पांच साल)
नौरादेही बाघों के लिए अनुकूल है
नौरादेही में बाघों के लिए अनुकूल आवास और शिकार के लिए पर्याप्त वन्य प्राणी हैं। अभयारण्य प्रबंधन द्वारा वन्य जीवों की सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है और इसके लिए दो हाथियों के साथ नियमित गश्त की जाती है। अभयारण्य में बाघों के विचरण क्षेत्र में उनकी निगरानी के लिए कैमरे भी लगाए गए हैं। - सेवाराम मलिक, एसडीओ, नौरादेही अभयारण्य