बच्चों से लेकर बड़ों तक की हर छोटी से लेकर बड़ी बीमारियों का इलाज इन गोलियों में है। बगैर किसी नुकसान के मरीज के लिए फायदेमंद है। होम्योपैथी किसी भी बीमारी के लिए चमत्कार से कम नहीं है। जब मरीज पर सारी दवाएं असर दिखाना बंद कर दें, तब भी होम्योपैथी से उसका इलाज संभव है।
लोगों का बढ़ रहा भरोसा
होम्योपैथी पर लोगों का भरोसा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। आज शहर में लगभग १०० डॉक्टर होम्योपैथी के हैं। हर दिन इन क्लिनिक पर १०० से ज्यादा मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं। डॉ. डीपी शिल्पी ने बताया कि आज से १० साल पहले गिने-चुने डॉक्टर ही थे जो होम्योपैथी से इलाज करते थे। लेकिन अब डॉक्टर और मरीज दोनों की संख्या में इजाफा हुआ है। लोगों द्वारा इसका सीधा कारण यही बताया जाता है कि एलोपैथी से कुछ समय के लिए बीमारी को दवा दिया जाता है, जबकि होम्योपैथी जड़ से बीमारी को खत्म करती है। डॉ. शिल्पी ने बताया कि पढ़े-लिखा वर्ग इससे अधिक जुड़ रहा है। जिनको यह पता होता है कि होम्योपैथी से शरीर के लिए कोई नुकसान नहीं है।
बड़ रहा है व्यापार
एक समय ऐसा था जब कम मरीजों की संख्या की वजह से डॉक्टर स्वयं की दवाई दे देते थे लेकिन अब बाजार में होम्योपैथी दवा विक्रताओं की संख्या बढ़ी है। विभिन्न बीमारियों के कारगार इलाज की वजह से डॉक्टर पर्चे पर दवा लिखकर देते हैं।
इन बीमारियों पर अधिक असरदार
– जोड़ों का दर्द
– स्कीन ड़िसीज
– गठिया और वात रोग
– अनिद्रा की परेशानी
– लंब समय तक बुखार आना
– स्त्री रोग
क्यों मनाते हैं दिवस
दुनियाभर में १० अप्रैल को हैनीमेन की जयंती के रूप में मनाया जाता है। होम्योपैथी के जनक हैनीमेन द्वारा रोगों के कारण की दवाओं को औषधि के रूप में देना शुरू किया था, जिसके बाद इसे विज्ञान में शामिल किया गया।