सागरPublished: May 05, 2021 09:51:09 pm
sachendra tiwari
40 हेक्टेयर में की जा रही फेंसिंग, होगा पौधरोपण
Tractor work being done in place of laborers
बीना. कोरोना संक्रमण के चलते दूसरे शहरों में काम करने वाले मजदूर वापस घर आ गए हैं और इन्हें मनरेगा सहित अन्य शासकीय कार्यों में मजदूरी देने के आदेश हैं, लेकिन फिर भी मजदूरों की जगह मशीनों से कार्य कराए जा रहे हैं। ऐसा ही मामला वन विभाग का सामने आया है।
वन विभाग उत्त्तर वनमंडल के अंतर्गत मोहांसा वीट में पौधरोपण की तैयारियां चल रही हैं, जिससे समय पर पौधरोपण हो सके। यहां हो रहे कार्य में अनियमितताएं बरती जा रही हैं। 40 हेक्टेयर जमीन में पौधरोपण और फेंसिंग के लिए जो गड्ढे मजदूरों से खोदे जाने थे वह ट्रैक्टर से खोदे जा रहे हैं। यदि यह कार्य मजदूरों से कराया जाता तो कई दिनों का रोजगार उन्हें मिल सकता था। इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जानकारी के अनुसार एक गड्ढे की खुदाई यदि मजदूर द्वारा की जाती है तो एक गड्ढे के करीब दस रुपए देने पड़ते हैं और यह कार्य ट्रैक्टर से 3 से 4 रुपए गड्ढे में कराया जा रहा है। बाद में इसका भुगतान मजदूरों के नाम पर पूरा कराने की तैयारी है। गौरतलब है कि मनरेगा से होने वाले कार्य अधिकारी मशीनों से कराते हैं और बाद में मजदूरों की कमी बता दी जाती है।
कंजिया रैयतवारी में भी हुई थीं अनियमितताएं
2019—20 में कंजिया रैयतवारी क्षेत्र में वैकल्पिक पौधरोपण 202 हेक्टेयर में किया गया था, लेकिन यहां करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद गिनेचुने पेड़ ही नजर आते हैं। साथ ही जो फेंसिंग की गई थी वह कई जगह से टूट चुकी है। यहां हुईं अनियमितताओं के बाद भी अधिकारी मोहांसा वीट में ध्यान नहीं दे रहे हैं, जिससे कुछ दिनों बाद गिनेचुने पौधे नजर आएंगे।
पहले मजदूरों से कराया था कार्य
मोहांसा वीट में सफाई और पौधा लगाने गड्ढे खोदने का कार्य मजदूरों द्वारा ही कराया गया था, लेकिन अब मजदूर नहीं मिल रहे हैं, जिससे ट्रैक्टर से कार्य कराया जा रहा है। कार्य में कोई अनियमितता नहीं बरती जा रही हैं।
जेएल कोरी, डिप्टी रेंजर, बीना