ऑटो की धमाचौकड़ी के बीच मरीजों की फजीहत –
सवारी बैठाने की खींचतान के चलते जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के सामने सुबह से रात तक ऑटो चालकों की धमाचौकड़ी मची रहती है। सवारी देखते ही पूरी सड़क ऑटो रिक्शा से भर जाती है और वाहन तो ठीक पैदल गुजरना भी दुश्वार होता है। कई बार तो ऑटो चालकों की आपसी होड़ के कारण मरीज और उनके परिजनों को धक्का-मुक्का का भी सामना करना पड़ता है और बीमार मरीज की दुर्दशा हो जाती है।
वन-वे होने पर भी नहीं बदला भारी वाहनों का मार्ग –
तिली रोड पर जिला अस्पताल से मेडिकल कॉलेज के बीच सीवर लाइन के काम के चलने के दौरान दो-तीन माह तक एक ही ओर की सड़क से वाहन गुजरते रहे। इस लेन से मरीज को लाने वाले एम्बुलेंस, ऑटो रिक्शा, स्कूल बस, स्थानीय लोगों के वाहनों का भी दबाव रहा। इसके बावजूद यहां न तो कोई टै्रफिक पाइंट लगाया गया और न यहां से गुजरने वाली सिलवानी रूट, सूत्र सेवा की बसों व डंपर-ट्रकों का रास्ता बदला गया।
भारी वाहन-यात्री बसों के गुजरने पर लगे रोक –
मेडिकल कॉलेज रोड पर संजय ड्राइव से तिली तिराहे के बीच दौडऩे वाले भारी वाहन, रेत-गिट्टी से लोड डंपर, ट्रैक्टर-ट्रॉली और सिलवानी-जबलपुर रूट की सूत्र सेवा बसों की आवाजाही पर रोक की जरूरत है। तिली रोड से गुजर रहे इन भारी वाहनों को सोमनाथपुरम से कनेरा पुल, बाघराज पुल व बोट क्लब होकर संजय ड्राइव तक डायवर्ट कर पहुंचाया जा सकता है। शहर की व्यवस्था संभालने वाले अधिकारियों ने अब तक इस पर विचार तक नहीं किया है।
वर्जन –
ट्रैफिक पुलिस द्वारा व्यवस्था बनाने के लिए मुआयना किया गया है। ऑटो रिक्शा यूनियन के पदाधिकारियों को बीएमसी के बाहर कतारबद्ध ऑटो रिक्शा खड़े कराने के निर्देश दिए गए हैं। भारी वाहनों के प्रवेश से यातायात बाधित हो रहा है तो इसका परीक्षण कर मार्ग बदलने की कार्रवाई करेंगे।
संजय खरे, डीएसपी ट्रैफिक