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ट्रैफिक पुलिस का राजस्व बढ़ता गया पर लोग नहीं सुधरे, जानिए क्या है कारण और क्या करना होगा उपाय

locationसागरPublished: Sep 08, 2018 10:32:58 am

Submitted by:

govind agnihotri

अभियानों ने दो साल में जुर्माने से बढ़ाया 17.39 लाख रुपए का राजस्व

Traffic police revenue increased but people did not improve

Traffic police revenue increased but people did not improve

सागर. ट्रैफिक को सुधारने के लिए एक साल में अभियान चलाकर हिदायत-समझाइश व जुर्माने की कार्रवाई की जा चुकी है लेकिन व्यवस्था में अब भी सुधार नजर नहीं आ रहा है। पिछले सात आठ माह में अभियान के दौरान पुलिस ने 18770 वाहनों के विरुद्ध कार्रवाई कर 72.10 लाख रुपए से ज्यादा राशि जुर्माने के रूप में वसूल की है। यातायात में सुधार के लिए आम जन के आगे न आने से अब तक के अभियान विफल साबित हुए हैं। जनवरी से अगस्त माह तक ट्रैफिक और जिला पुलिस ने अभियानों के दौरान किए गए जुर्माने से विभाग के खाते को भले ही मजबूत कर लिया हो पर लोगों के वाहन चलाने, नो एंट्री, ड्रंक एंड ड्राइविंग जैसे नियमों की अनदेखी का नजरिया अब भी जस का तस है।

साल भर में दो हजार ज्यादा कार्रवाई
ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों की मानें तो पिछले साल 2017 में जनवरी से अगस्त माह के बीच 16785 वाहनों से ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करने पर 7190825 रुपए का जुर्माना वसूल किया था। जबकि इससे पहले 2015 में 15465 वाहनों से 5470950 रुपए की राशि नियम का उल्लंघन करने पर जमा कराई गई थी। इस तरह ट्रैफिक के प्रति लोगों की नासमझी से पिछले साल के मुकाबले करीब दो हजार अधिक यानि 18770 वाहनों से 7210773 रुपए जुर्माना वसूल किया गया है।्र

नो एंट्री का पालन न ही रुक रही ओवरलोडिंग
शहर के ट्रैफिक की स्थिति दिन ब दिन बदतर होती जा रही है। सड़कों पर लगातार निजी और पब्लिक ट्रांसपोर्ट के साधनों की संख्या का दबाव बढऩे से जाम की स्थिति निर्मित हो रही है लेकिन वाहनों के नियोजन को लेकर परिवहन, ट्रैफिक पुलिस, नगरीय निकाय या जिला प्रशासन के पास कोई कार्ययोजना तक नहीं है। हर मामले में राजनीति और रसूखदारों के हस्तक्षेप के कारण ही न तो शहर में नो एंट्री के बावजूद भारी वाहनों का प्रवेश रुक रहा है न ऑटो-चैम्पियन में सवारियों की ओवरलोडिंग रुक रही है।

नियमित निगरानी ही हो सकती है कारगर
सड़क पर बदहाल ट्रैफिक, नियम का उल्लंघन कर दौड़ते वाहनों पर अंकुश लगाने के लिए नियमित निगरानी और वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में सख्ती ही व्यवस्था में सुधार तय कर सकती है। केवल त्यौहारों की तरह अवसर विशेष पर अभियानों की रस्मअदायगी शहर के ट्रैफिक को पटरी पर लाने में सक्षम नहीं है। ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी भी यह बात स्वीकार करते हैं लेकिन कभी वीआइपी ड्यूटी, कभी ला एंड ऑर्डर और बल की कमी उन्हें भी सुस्त कर देती है।

पुलिस लोगों को स्वविवेक से ट्रैफिक नियमों का पालन करने और व्यवस्था में सुधार की भागीदारी के लिए जागरूक बनाने का प्रयास कर रही है। अभियान के माध्यम से समझाइश दी जाती है। समय-समय पर सख्ती के साथ कार्रवाई भी हो रही है। लोगों को इस पहल में आगे आने की
जरूरत है।
संजय खरे, डीएसपी ट्रैफिक


विद्यार्थियों को नियमों के पालन की दी जानकारी
सागर. लोगों में जागरूकता का अलख जगाने के अभियान के तीसरे दिन शुक्रवार को ट्रैफिक अमले ने आधा दर्जन स्कूलों के पांच सौ से ज्यादा विद्यार्थियों को नियमों की जानकारी दी। विद्यार्थियों को नियमों का उल्लंघन करने से होने वाले हादसे व जोखिम से भी अवगत कराया। नशे की हालत में ड्राइविंग से बचने की भी समझाइश दी गई। टै्रफिक डीएसपी संजय खरे के अनुसार सड़क जागरुकता अभियान के तहत शहर के चौराहों पर वाहन चालकों को नियम की जानकारी देते हुए कार्रवाई भी की जा रही है। वहीं स्कूल-कॉलेजों में भी विद्यार्थियों के बीच पहुंचकर ट्रैफिक पुलिस अधिकारी नियमों का पाठ पढ़ा रहे हैं। अभियान के चौथे दिन एसआई एसएम खान, सूबेदार संतोष शर्मा और सूबेदार राजेश कुमरे द्वारा छात्र-छात्राओं को सड़क पर वाहन चलाने के नियम और बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी बताया।

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