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video: एक डॉक्टर के भरोसे सैकड़ों मरीजों का इलाज, सिविल अस्पताल में दिनों दिन बिगड़ रही स्थिति, पढ़ें खबर

locationसागरPublished: Nov 11, 2019 09:03:20 pm

Submitted by:

anuj hazari

महिला डॉक्टर के इंतजार में शाम तक बैठी रहीं महिलाएं

Treatment of hundreds of patients in one doctor, situation worsening in civil hospital

Treatment of hundreds of patients in one doctor, situation worsening in civil hospital

बीना. डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे सिविल अस्पताल में अब मरीजों को इलाज मिलना मुश्किल हो गया है, जिसके कारण उन्हें निजी अस्पताल जाकर इलाज कराना पड़ रहा है। सोमवार को ओपीडी में केवल एक ही डॉक्टर ड्यूटी पर थे। जिन्हें ओपीडी के साथ एक्सीडेंट के मरीज भी देखने पड़े। कुछ समय के लिए तो हाल यह हो गया कि डॉक्टर न ओपीडी के मरीज देख पा रहे थे न ही एक्सीडेंट के मरीजों का इलाज भी नहीं कर पा रहे थे। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से जो स्थिति सिविल अस्पताल की है उससे हर कोई परेशान है। जिले की सभी अस्पतालों में सबसे ज्यादा ओपीडी बीना सिविल अस्तपाल में होती है, लेकिन किसी एक डॉक्टर के केवल छुट्टी पर चले जाने या अचानक काम आ जाने के कारण उनके अस्पताल नहीं पहुंचने से स्थिति गड़बड़ा जाती है। सोमवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे से मरीज सिविल अस्पताल इलाज कराने के लिए पहुंचे जहां पर कुछ ही देर में ओपीडी की संख्या पचास के पार हो गई। जिन्हें इलाज के लिए काफी देर तक इंतजार करना पड़ा। इसी बीच लोग भी जल्दी इलाज कराने के लिए चिल्लाने लगे, लेकिन ड्यूटी पर डॉ. दीपक तिवारी के अकेले होने के कारण स्थिति शाम चार बजे तक एक जैसी रही। हालांकि दोपहर में एक बजे डॉ. एचके पालिया ड्यूटी पर आ गए, लेकिन डेंटिस्ट होने की बजह से उनके आने से ज्यादा फर्क नहीं पड़ा।
प्रसव पीड़ा वाली महिलाओं को बुलाया चार बजे
सुबह से कोई भी महिला डॉक्टर ड्यूटी पर न होने के कारण महिलाओं को जहां इलाज के लिए महिला डॉक्टर के आने पर इलाज कराने के लिए आने के कहा तो वहीं प्रसव पीड़ा वाली महिलाओं को भी शाम चार बजे के बाद डॉ. मंजू कैथोरिया के आने पर इलाज के लिए आने के लिए बुलाया गया।
साढ़े तीन सौ पहुंची ओपीडी
सोमवार को ओपीडी 355 रही, जिनमें से करीब सवा तीन सौ मरीजों का इलाज केवल डॉ. दीपक तिवारी ने किया। इतना ही नहीं चार बजे तक ड्यूटी करने के बाद उन्हें रात आठ बजे से फिर नाइट ड्यूटी के लिए आना पड़ा। गौरतलब है कि एक महिला डॉक्टर मैटरनिटी लीव पर हैं तो वहीं दूसरी महिला डॉक्टर के रविवार को इमरजेंसी ड्यूटी करने के कारण वह सोमवार को छुट्टी पर रहीं। डॉ. आरके जैन भी १५ नवंबर तक ड्यूटी पर हैं जिसके कारण स्थिति और भी ज्यादा खराब हो गई।

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