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धरने पर बैठे आदिवासियों को अब खाने भी पड़े लाले, प्रशासन की ओर से भी नहीं हुई पहल

locationसागरPublished: Sep 03, 2018 05:30:34 pm

Submitted by:

manish Dubesy

आश्वासन में ही निपटी प्रशासनिक अधिकारियों की पहल, यहां-वहां से कर रहे भोजन की व्यवस्था

Tribal people on hold Hungry Do not rule out meditation

Tribal people on hold Hungry Do not rule out meditation

सागर. अपने आशियाने को बचाने के लिए बीते पांच-छह दिन से महिलाओं सहित घर से दूर धरने पर बैठे आदिवासियों की सुध लेने के लिए अभी तक कोई नजर नहीं आया है। अब इन्हें खाने के भी लाले पड़ गए हैं। शनिवार को प्रशासन की ओर से आए तहसीदार आदि ने आश्वासन दिया गया था, लेकिन इसके बाद भी कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी। जबकि अधिकारियों का कहना था कि रविवार को ही जमीन का नापजोख कर अतिक्रमण कारियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी, लेकिन अधिकारियों की दमखम दूसरे दिन धरी की धरी रह गई। यही कारण है कि शाहगढ़ में चल रहे अतिक्रमण पर अब तक रोक नहीं लग सकी है।
धरने पर बैठे आदिवासियों को अब उनके खाने-पीने के लिए परेशान होना पड़ रहा है। मौके पर मिले दुर्गाप्रसाद, हीराबाई, हरिबाई आदि ने बताया कि अब उनके लिए खाने-पीने की समस्या हो गई। हालांकि शहर के कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने व्यवस्था की है।
प्रशासन बना रहा दूरी

धरने पर बैठे आदिवासी शाहगढ़ की जनपद अध्यक्ष कमला यादव के द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्य को नियमविरुद्ध और अतिक्रमण बता रहे हैं। साथ ही यह भी आरोप हैं कि अध्यक्ष यादव उन्हें धमकियां दे रहे हैं जिसके कारण वे धरने पर बैठे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिल रही है। सूत्रों की माने तो यह बात भी कही जा रही है कि शाहगढ़ जनपद अध्यक्ष कमला यादव भाजपा नेत्री हैं, यही कारण है कि प्रशासनिक अधिकारी मामले से दूरी बनाए है।

जनपद अध्यक्ष के खिलाफ बीते पांच दिनों से बारिश के बीच तिरपाल के सहारे पीली कोठी के सामने धरने पर बैठे आदिवासियों की समस्याओं का समाधान होते नजर नहीं आ रहा है।
शनिवार को यहां पर प्रशासन की ओर से तहलीदार पहुंचे, लेकिन वे भी आश्वासन देकर निकल गए। जबकि आदिवासियों का कहना है कि वहां अध्यक्ष कमला यादव के द्वारा सड़क पर किए जा रहे अतिक्रमण का काम जारी है। तीन दिन पहले तक जहां केवल दीवारें थी शनिवार को वहां पर छज्जा भी ढाल दिया गया है, इसके बाद भी प्रशासन ने हो रहे अतिक्रमण को रोकने के लिए अब तक कोई पहल नहीं की है। धरने पर बैठे दुर्गाप्रसाद सौंर, कमल आदिवासी, हरिबाई आदिवासी सहित अन्य लोगों ने बताया कि जिस जगह जनपद अध्यक्ष कमला यादव अतिक्रमण कर रही हैं वह आम रास्ता है। यदि इस पर किया अतिक्रमण नहीं रोका गया तो करीब सौ परिवारों का निकासी मार्ग बंद हो जाएगा। ग्रामीणों ने बताया कि वे शाहगढ़ के वार्ड-४ में बीते ४० सालों से रह रहे हैं। शासन ने उन्हें पट्टे भी जारी कर दिए, लेकिन इसके बाद भी उन्हें हटाने की धमकिंया दी जा रहीं हैं और स्थानीय प्रशासन बात सुनने के लिए तैयार नहीं है।

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