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video: ट्रक पलटने से चालक के फंसे पैर, पांच घंटे तक तड़पता रहा, गैस कटर से ट्रक काटकर निकाला बाहर, मौत

locationसागरPublished: May 27, 2019 08:25:20 pm

Submitted by:

sachendra tiwari

बीना—खुरई रोड पर कुरुआ मोड़ की घटना

Truck reflex, driver dies

Truck reflex, driver dies

बीना. बीना-खुरई रोड पर रविवार की देर रात कुरुआ मोड़ पर फिर एक दर्दनाक हादसा हुआ और पांच घंटे तक तड़पने के बाद चालक की मौत हो गई। खुरईकी ओर से आ रहा एक ट्रक मोड़ पर अनियंत्रित होकर पलट गया। ट्रक पलटने के बाद चालक के पैर फंस गए थे। पांच घंटे की मशक्कत के बाद उसे बाहर निकाला गया तब तक चालक ने दम तोड़ दिया था। यदि उसे मौके पर ही इलाज मिल जाता तो जान बच सकती थी। इस मोड़ पर पहले भी हादसे हुए हैं और कईलोगों की जान जा चुकी है।
मिली जानकारी के अनुसार खुरई की ओर से बीना की ओर आ रहा ट्रक क्रमांक एमपी 15 जी 2568 जिसमें लोहा भरा हुआ था। यह ट्रक प्रदीप लोधी (30) निवासी ढुरुआ चला रहा था।रात करीब दो बजे जैसे ही ट्रक ढुरुआ के आगे कुरुआ मोड़ पर पहुंचा और अनियंत्रित होकर पलट कर रोड के नीचे संतोष लोधी के घर के सामने जाकर गिरा। धमाके की आवाज सुनकर जब घर के लोग बाहर आए तो देखा ट्रक में कोईफंसा है। जिस घर के सामने ट्रक पलटा था वह चालक के ससुराल पक्ष का घर था। इसकी सूचना उन्होंने पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर देखा तो प्रदीप के पैर बुरी तरह से ट्रक में फंसे थे और ट्रक पलटा होने के कारण निकालना संभव नहीं था। पुलिस ने क्रेन मंगाकर करीब डेढ़ घंटे में ट्रक को सीधा किया और उसे निकालने का प्रयास किया, लेकिन पैर इतनी बुरी तरीके से फंसे थे कि निकालना संभव नहीं था। इसके बाद गैस कटर से ट्रक को काटना शुरू किया गया कि और सुबह करीब 7 बजे प्रदीप को बाहर निकाला गया और जब अस्पताल लेकर पहुंचे तो उसके पहले ही उसने दम तोड़ दिया था। पुलिस को संसाधन जुटाने में भी समय लगा, जिससे उसे समय पर बाहर नहीं निकाला जा सका। पांच घंटे तक प्रदीप तड़पता रहा और वह जिंदगी की जंग हार गया। मृतक के घर भी पास में ही था तो परिवार के लोग भी पहुंच गए थे वह उनकी आंखों के सामने ही प्रदीप ने दम तोड़ दिया।
खड़ी रही 108पर नहीं किया इलाज
मौके पर 108 एंबुलेंस भी पहुंच गईथी और पूरे समय खड़ी रही, लेकिन प्रदीप को कोईइलाज नहीं दिया गया। यदि ट्रक में फंसे प्रदीप को वहीं ऑक्सीजन लगाकर इलाज शुरू कर दिया गया होता तो शायद जान बच जाती। परिजनों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाए हैं।
जान बचाने करना था रेस्क्यू
युवक की जान बचाने के लिए पुलिस को रेस्क्यू करना था और इसमें स्वास्थ्य विभाग की भी मदद ली जानी थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। सभी उसे बाहर निकालने का ही प्रयास करते रहे उसे इलाज मुहैया नहीं कराया गया।
बाल-बाल बचे मकान में रहने वाले लोग
जहां ट्रक पलटा है उसकी दूरी मकान से कुछ कदमों की ही है। यदि ट्रक मकान में घुस जाता तो बड़ा हादसा हो जाता। ट्रक के गिरने से मकान में क्रेक आ गया है। साथ ही बाजू में ट्रांसफॉर्मर भी लगा है, गनीमत रही है उसमें ट्रक नहीं टकराया नहीं तो करंट फैल जाता।
तत्काल शुरू कर दिए थे निकालने के प्रयास
ट्रक को सीधा करने के प्रयास तत्काल शुरू कर दिए थे और डेढ़ घंटे में क्रेन से ट्रकको सीधा करा दिया था। इसके बाद पैर को निकालने के लिए ट्रक काटना पड़ा, जिसमें समय लग गया।
अनिल मौर्य, थाना प्रभारी

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