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यूजीसी नहीं देगा अनुदान, डेवलपमेंट के लिए विश्वविद्यालय को लेना होगा कर्ज

locationसागरPublished: Nov 21, 2019 09:35:21 pm

-जेएनयू में इसी को लेकर चल रहा विवाद, डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय में नए निर्माण कार्य आए इसके दायरे में, ६ करोड़ ६६ लाख रुपए का हुआ कर्ज।
 

यूजीसी नहीं देगा अनुदान, डेवलपमेंट के लिए विश्वविद्यालय को लेना होगा कर्ज

यूजीसी नहीं देगा अनुदान, डेवलपमेंट के लिए विश्वविद्यालय को लेना होगा कर्ज

सागर. डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय को यूजीसी (यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन) से अनुदान राशि नहीं मिलेगी। अब इस राशि के लिए विश्वविद्यालय को ऋण लेना होगा और इसका भुगतान भी समय सीमा में करना होगा। बता दें कि विश्वविद्यालय के पास आय का जरिया सिर्फ विद्यार्थियों की कोर्स फीस ही होती है। एेसे में यदि विवि ऋण लेता है तो उसे चुकाने के लिए विवि प्रशासन को कोर्स फीस में वृद्धी करनी पड़ेगी।
जानकारी के अनुसार ३ पार्टी यानी यूजीसी, एमएचआरडी और यूनिवर्सिटी ने हेफा (उच्च शिक्षा अनुदान संस्था) के साथ एमओयू साइन हो चुका है। इसके तहत अब इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए विश्वविद्यालय को हेफा से ऋण लेकर निर्माण कार्य कराने होंगे।

-जेएनयू से हुई शुरुआत
सरकार सार्वजनिक वित्त पोषित संस्थानों को ७० फीसदी ही वित्त मुहैया कराएगी, बाकी ३० फीसदी वित्त का इंतजाम संस्थान को खुद करना होगा। हेफा से अनुबंध के बाद अब यूजीसी यह राशि नहीं देगी। बता दें कि सरकार ने देश के ४७ केंद्रीय विश्वविद्यालयों में इसे लागू कर दिया है। इसकी शुरुआत दिल्ली विश्वविद्यालय (जेएनयू) से हुई है, जिसका विरोध भी जेएनयू में विद्यार्थियों द्वारा किया जा रहा है। हालांकि डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय को ऋण की राशि पूरी वापस नहीं करनी होगी। बताया जाता है कि कर्ज की १० फीसदी राशि वापस लौटानी होगी।

-६ करोड़ ६० लाख का कर्ज
विवि में इडब्ल्यूएस छात्रों के लिए भवन और पद स्वीकृत किए गए हैं। यह पूरा काम हेफा के अंडर में है। ७२ करोड़ रुपए की राशि मंजूर हो चुकी है। इसें ६६ करोड़ रुपए बिल्डिंग निर्माण पर खर्च होना है। हालांकि यह राशि हेफा के माध्यम से दी जाएगी। विवि प्रशासन को यह राशि चयनित बैंक से ऋण के रूप हेफा उपलब्ध कराएगा। १० फीसदी राशि यानी ६ करोड़ ६६ लाख रुपए वापस बैंक को लौटाने होंगे।

-यह भी होने की आशंका

विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों की बढ़ाई जा सकती है कोर्स फीस
परिसर में मॉल या फिर मेरिज गार्डन बनाकर चलाए जा सकते हैं किराए पर।

सेल्फ फाइनेंस कोर्स की फीस में इजाफा के बाद हॉस्टल फीस भी बढ़ सकती है।

बिल्डिंग निर्माण के लिए यूजीसी ग्रांट देती थी, लेकिन अब उसकी जगह हेफा से राशि मिलेगी। यह राशि बतौर ऋण के रूप में दी जाएगी। इसमें १० फीसदी राशि का भुगतान विवि को करना है। विवि अपनी आय बढ़ाने के लिए कुछ प्लान पर काम कर रहा है। इससे छात्रों की कोर्स फीस न बढ़ानी पड़े।
प्रो. आरपी तिवारी, कुलपति विवि

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