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video: इस गांव में कोयले की राख बनी जान की दुश्मन, प्रबंधन कर रहा लापरवाही, अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान

locationसागरPublished: Feb 21, 2019 08:52:32 pm

Submitted by:

sachendra tiwari

एस पोंड से उड़ रहे राख के गुबार

villagers from coal ashes worried

villagers from coal ashes worried

बीना. उद्योगों के दुष्परिणाम अब दिखाई देने लगे हैं, जिससे लोगों का अब सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। ग्राम हिन्नौद के पास बने जेपी पावर प्लांट के एस पोंड की उड़ती धूल लोगों के लिए मुसीबत बन गई है। तेज हवा का झोंका चलते ही राख के गुबार लोगों के घरों तक पहुंच रहे हैं। पूरे गांव पर राख की धुंध छा गई है। इस संबंध में ग्रामीणों द्वारा अधिकारियों ज्ञापन भी सौंपे गए हैं। शिकायतों के बाद भी अभी तक समस्या का हल नहीं निकल पाया है।
जेपी पावर प्लांट में उपयोग होने वाले कोयला से निकलने वाली राख को एकत्रित करने के लिए ग्राम हिन्नौद में एक बड़ा तालाब बनाया गया है, जिसमें बड़ी मात्रा में राख भरी हुई है। पिछले दो दिनों से चल रही तेज हवा के कारण यह राख ग्रामीणों के लिए मुसीबत बन गई है। लोगों का घरों में रहना मुश्किल हो गया है। हवा के साथ यह राख घरों में पहुंच रही है, जिससे लोग खाना भी नहीं खा पा रहे हैं। राख की पर्त लोगों के घरों पर, आंगन, छत पर जमी हुई है। गांव के गोविंद सिंह ने बताया कि जेपी प्रबंधन द्वारा राख न उड़े इसके लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है, जिससे तेज हवा के कारण राख उड़कर लोगों के घरों में पहुंच रही है। राख के कारण लोगों को खांसी, एलर्जी हो रही है। श्वांस संबंधी बीमारी हो रही हैं। यदि शीघ्र इसका हल नहीं निकाला गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। ऋषिकुमार शर्मा ने बताया कि एस पोंड से कुछ ही दूरी पर हरने वाले एक तीस वर्षीय युवक को टीवी हो गई थी, जिसकी कुछ दिन पहले मौत हो गई है। जब से गांव में एस पोंड बना है तब से लोग बीमार हो रहे हैं। सोनू ठाकुर ने बताया कि राख के कारण खुजली होने लगती है। खाने खाते समय यदि हवा चल जाए तो खाना भी नहीं खा पाते हैं। रोड से निकलने वाले वाहन चालक भी परेशान हो रहे हैं।
फसल पर जम गई राख
गांव के गुलाब अहिरवार, अरविंद ठाकुर ने बताया कि पोंड के आसपास स्थित खेतों की फसल पर राख की पर्त जम गई है, जिससे फसल तो खराब होगी ही उससे निकलने वाला भूसा मवेशी नहीं खाएंगे। यदि इसी तरह राख उड़ती रही तो खेत बंजर हो जाएंगे। रेगिस्तान जैसी स्थिति यहां बनती जा रही है।
भेजी सिर्फ एक फायरब्रिगेड
जेपी प्रबंधन द्वारा राख को कम करने के लिए सिर्फ एक फायर ब्रिगेड भेजी गई थी जो की ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर थी। क्योंकि एक फायर ब्रिगेड से एक छोटे से हिस्से में पानी का छिड़काव हो पाया था और पानी खत्म हो गया जाने पर फायर ब्रिगेड वहां चली गई।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को लिखा है पत्र
इस संबंध कार्रवाई करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पत्र लिखा है। साथ ही जेपी प्रबंधन को भी वहां व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं।
डीपी द्विवेदी, एसडीएम, बीना
लगाए जाएंगे स्थाई स्ंिप्रगकलर
तेज हवा के कारण राख उड़ रही है। शीघ्र ही वहां स्थाई स्ंिप्रगकलर लगाए जाएंगे, जिससे धूल न उड़े। अभी भी पानी डलवाया जा रहा है।
अशोक शर्मा, वाइस प्रसिडेंट, जेपी

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