सागरPublished: May 12, 2023 09:44:41 pm
sachendra tiwari
श्रीमद्भागवत कथा विराम
बीना. श्रीदेव रघुनाथ बड़ा मंदिर में चल रही श्रीमद्भागवत रसवर्षण के अंतिम दिन निंबार्काचार्य पीठाधीश्वर श्यामशरण देवाचार्य श्रीजी महाराज ने रुक्मिणी विवाह, सुदामा चरित्र की कथा सुनाई। उन्होंने पौंड्रक के उद्धार का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि आज भी कृत्रिम स्वयंभू लोग हैं, जिनसे बचना चाहिए। कलयुग के कई दोष हैं और कलयुग में सिर्फ कीर्तन ही सार है और यही सार वेदव्यास जी ने श्रीमद्भागवत कथा में समाहित किया है। उन्होंने सुदामा चरित्र की कथा सुनाते हुए कहा कि जब सुदामा जी भगवान से मिलने पहुंचे, तो उनका बहुत स्वागत किया गया और अपने समान वैभव प्रदान किया। उन्हें द्वारिका जैसी नगरी दी। भगवान श्रीकृष्ण रुक्मिणी विवाह, 16 हजार 108 विवाह की कथा और कंस वद्ध का प्रसंग सुनाया। कथा में जगद्गुरू स्वामी वासुदेवाचार्य विद्या भास्कर महाराज, रसिक पीठाधीश्वर जन्मेजय शरण महाराज, धर्मदास महाराज श्रीधाम अयोध्या सहित सौ से अधिक संतों सहित हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। कार्यक्रम का आयोजन महंत राधामोहन दास महाराज द्वारा किया गया।
संत के शरण में आए थे विराट कोहली
उन्होंने कहा कि आचार्यों, संतों की शरण में आने से जीव का कल्याण हो जाता है। क्रिकेटर विराट कोहली आउट ऑफ फॉर्म चल रहा था, जो प्रेमानंद महाराज जी की शरण में पहुंचा और संत कृपा से आज चौके, ***** लगा रहा है।
महायज्ञ में पूर्णाहुति आज
मंदिर परिसर में चल रहे श्री गोपाल महायज्ञ में आज पूर्णाहुति दी जाएगी और भंडारे का आयोजन होगा। शुक्रवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु यज्ञ की परिक्रमा करने पहुंचे। यज्ञ में एक लाख से ज्यादा आहुतियां दी गईं।