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मतदाताओं में दिखा उत्साह, कीचड़ भी नहीं रोक पाई रास्ता, ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार होकर पहुंचे मतदान केन्द्र

locationसागरPublished: Jul 01, 2022 08:30:18 pm

Submitted by:

sachendra tiwari

धई बुजुर्ग में चार घंटे बाद शुरू हुआ मतदान, 74.44 प्रतिशत हुआ मतदान

Voters showed enthusiasm, even mud could not stop the way, reached pol

Voters showed enthusiasm, even mud could not stop the way, reached pol

बीना. त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में ब्लॉक में शुक्रवार को मतदान हुआ। मतदान को लेकर ग्रामीणों में उत्साह दिखा और सुबह से ही केन्द्रों पर कतारें लग गई थी। एक केन्द्र पर मतदान का बहिष्कार करने से चार घंटे बाद मतदान शुरू हो पाया। तीन बजे तक 74.44 प्रतिशत मतदान हुआ। ब्लॉक के 164 केन्द्रों पर सुबह 7 बजे से मतदान शुरू हुआ। सुबह से मतदान की गति धीमी रही। 9 से 11 बजे के बीच सिर्फ 5 प्रतिशत मतदान ही हुआ था, लेकिन 11 बजे के बाद तेजी से मतदान हुआ। केन्द्रों पर लंबी-लंबी कतारें नजर आईं। युवाओं से लेकर वृद्धों में मतदान को लेकर उत्साह दिखा और वह मत का प्रयोग करने पहुंचे। कई जगह बारिश होने से भी मतदान में बाधा आई, लेकिन फिर भी मतदाता खड़े रहे। सरपंच, पंच, जनपद सदस्य और जिला पंचायत के लिए मतदान होने के कारण समय भी लगा। दोपहर 3 बजे के बाद भी कई जगह मतदान चला और जितने मतदाता केन्द्र पर पहुंच गए थे, उन्हें टोकन वितरित किए गए थे। मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। मतदान के बाद सभी जगह मतगणना की गई। पुलिस, प्रशासन ने मतदान और मतगणना के दौरान नजर रखी।
ग्रामीणों ने सडक़ की मांग को लेकर किया बहिष्कार
ग्राम पंचायत धनौरा के धई बुजुर्ग गांव में लोगों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया था और चार घंटे तक मतदान शुरू नहीं हुआ। यहां जनपद और जिला पंचायत के लिए मतदान होना था। ग्रामीणों का कहना था कि कई बार मांग के बाद भी गांव की मुख्य सडक़ सहित बारधा, जेरई मगरधा, नईबस्ती और श्मशानघाट जाने वाली सडक़ नहीं बन पाई है। बारिश में बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं और श्मशानघाट जाने वाले रास्ते में घुटने तक कीचड़ रहता है। ग्रामीणों को सेक्टर मजिस्टे्रट द्वारा समझाईश दी गई, लेकिन उन्होंने बात नहीं मानी। इसके बाद विधायक महेश राय ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को सडक़ बनवाने का आश्वान दिया और तब कहीं मतदान शुरू हो पाया।
कीचड़ में से होते हुए पहुुंचे मतदान केन्द्र
मालखेड़ी गांव का मतदान केन्द्र पीपरखेड़ी में बनाया जाता है, लेकिन जाने के लिए पक्का रास्ता न होने से मतदाता कीचड़ में से होते केन्द्र तक पहुंचे। एक किलोमीटर का रास्ता पूरा कीचड़ में तब्दील था। कुछ मतदाता ट्रैक्टर से पहुंचे, तो कुछ पैदल हाथों में जूता, चप्पल लेकर गए।
प्रत्याशी ने लगाए फर्जी मतदान के आरोप
ग्राम पंचायत पड़रिया में सरपंच पद के लिए चुनाव लड़ रहीं पुष्पा अहिरवार ने बताया वहां कुछ लोगों द्वारा हाथ पकडकऱ मतदान कराया गया है। आरोप है कि पीठासीन अधिकारी ने भी इसपर आपत्ति नहीं ली। प्रत्याशी ग्रामीणों के साथ तहसील पहुंची और अधिकारियों से शिकायत की। चुनाव रद्द करने की मांग की।
पोलिंग एजेंट की अनुपस्थिति में पेटी खोलने का आरोप
ग्राम पंचायत ढुरुआ की सरपंच प्रत्याशी मालती राजपूत ने रिटर्निंग अधिकारी से शिकायत कर आरोप लगाया है कि हिरनछिपा के पोलिंग बूथ पर मतदान के उपरांत मतगणना के लिए पोलिंग एजेंट को बिना बताए मतपेटी खोलकर मतगणना शुरू की गई। गेट बंद कर कर प्रत्याशी सहित अन्य प्रत्याशियों के एजेंट को अंदर नहीं जाने दिया। इसकी जांच करने की मांग की है।
ऐसे चला मतदान
सुबह 09 बजे 15.15 प्रतिशत
सुबह 11 बजे 20.55 प्रतिशत
दोपहर 01 बजे 55.81 प्रतिशत
दोपहर 03 बजे 74.44 प्रतिशत
महिला-72.92 प्रतिशत
पुरुष- 75.8 प्रतिशत
फैक्ट फाइल
सरपंच प्रत्याशी 334
पंच प्रत्याशी 133
जनपद सदस्य प्रत्याशी 95
जिला पंचायत सदस्य दो वार्ड प्रत्याशी 09

हड़कल पंचायत के करीब सौ लोगों के नाम जोड़े दूसरी पंचायत में
हड़कल ग्राम पंचायत के करीब 100 से ज्यादा लोग पंचायत चुनाव में मतदान नहीं कर सके। इस दौरान जब लोगों ने वोटर लिस्ट में जांच कराई तो उनके नाम किर्रावदा पंचायत के शब्दा गांव में नाम जुड़ा मिला। दरअसल पंचायत चुनाव के पहले जो वोटर लिस्ट अपडेट की गई, उसमें बड़ी खामियां सामने आई। इस दौरान जब गांव के लोग वोट डालने के लिए मतदान केन्द्र गए तो पता चला कि उनका नाम लिस्ट में नहीं है। इसकी जांच को तो उनके नाम दूसरी पंचायत के शब्दा गांव में जुड़े मिले, इस वजह से वह वोट नहीं डाल सके। गांव के प्रेम आदिवासी ने बताया कि वह हमेशा से सभी चुनाव की वोट डालता आया है, शुक्रवार को जब वह वोट डालने के लिए गया तो उसका नाम दूसरी पंचायत में जुड़ा था और वह पंचायत चुनाव में अपना वोट नहीं डाल सका। शुभम कुशवाहा ने बताया कि वह पहली बार वोट डालने के लिए गया था, जिसमें वह में गांव की सरकार को चुनने में अपना बहुमूल्य वोट डालना चाहता था, लेकिन बीएलओ की गलती से वह मतदान नहीं कर सका। इस संबंध में बीएलओ ऊषा अहिरवार का कहना है कि उसकी पोस्टिंग 2018 में भिलावली गांव में हुई है उसके बाद से उसने महज 6 नए नाम ही वोटिंग लिस्ट में जोड़े है। गलती किस स्तर पर हुई है इसकी जानकारी उसे नहीं है।
आक्रोशित लोगों ने कहा जागरुकता नहीं कोई मतलब
वोटर लिस्ट में नाम नहीं होने पर ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन लोगों को वोट डालने के लिए जागरुक कर रहा था, लेकिन उसका कोई मतलब नहीं है जब निर्वाचन चुनाव के पहले वोटर लिस्ट की जांच तक नहीं कराई गई जिसका खामियाजा बड़ी संख्या में लोगों को भुगतना पड़ा है।
पहली बार डाला वोट
किर्रोद गांव में पहली बार वोट डालने के लिए आई दुर्गा अहिरवार काफी उत्साहित दिखी। उसने वोट डालने के पहले कहा कि पढ़ाई कर रही हूं यह अच्छे से समझती हूं कि किसे गांव की सरकार के लिए चुनकर आना चाहिए। पहली बार वोट डालने के लिए मिल रहा है इसलिए बहुत खुश हूं।

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