20 दिन लगातार किया सफर
एक साल पहले ही तैयार हुई 22वीं बटालियन के जवानों ने 21 दिसम्बर से 11 जनवरी के बीच 20 दिन तक कठिन सफर किया। वे सीमा पर स्थित गदरा, मुन्नाबाओ, झंडामीठा, लोंगेवाला, किशनगढ़, भुट्टेवाला और टनोट को पार कर गुरुवार को २१वें दिन गज्जेवाला पहुंचे। वहां सिंध ब्रिगेड डिप्टी कमाण्डर कर्नल एचआर देसाई ने फ्लैग इन कर उनका स्वागत किया।
ट्रै किंग से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि रेगिस्तान में रात का तापमान 0 डिग्री तक चला जाता था तो दिन में रेत आग की तरह तपती थी। सूरज 35 डिग्री सेल्सियस की आग उगलता था। ऐसे में रेत के टीलों में पांव धंसने से जवान कभी थककर चूर होते तो कभी पानी की तलाश में पस्त पड़ जाते थे। सीमा के किनारे दुश्मन का हर पल खतरा भी रहता था। लेकिन एक वीर की याद में ये उनका हौसला ही था कि 21 दिन में उन्होंने इतिहास रच दिया।