scriptबीएमसी में जलसंकट,छात्र हॉस्टल छोड़कर घर गए, मरीज भी परेशान | Water conservation in BMC | Patrika News

बीएमसी में जलसंकट,छात्र हॉस्टल छोड़कर घर गए, मरीज भी परेशान

locationसागरPublished: May 18, 2018 11:16:05 am

छात्र हॉस्टल छोड़कर घर गए, मरीज भी परेशान

बीएमसी में जलसंकट,छात्र हॉस्टल छोड़कर घर गए, मरीज भी परेशान

बीएमसी में जलसंकट,छात्र हॉस्टल छोड़कर घर गए, मरीज भी परेशान

सागर. बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज (बीएमसी) में जलसंकट गहरा गया है। एक हफ्ते पहले नाराज छात्रों द्वारा डीन को दिए गए ज्ञापन के बाद भी स्थिति जस की तस है। पानी की कमी के चलते २०१६-२०१७ बैच के विद्यार्थी छुट्टी होने के बाद हॉस्टल छोड़कर घर चले गए हैं, जबकि अब तक ऐसा कभी नहीं हुआ कि सभी विद्यार्थी एक साथ हॉस्टल छोड़कर घर गए हों, पहली बार पानी की कमी से ऐसा हुआ है। नगर निगम ने अभी तक राजघाट की फूटी पाइपलाइन और अवैध कनेक्शनों को नहीं हटाया है। यही वजह है कि बांध से बीएमसी में जलापूर्ति शुरू नहीं हुई है।
परेशानी की बात तो यह है कि बीएमसी के ४ ट्यूबवेल ९० फीसदी सूख चुके हैं। जलापूर्ति के लिए दिनभर में ८ टेंकर पानी ही प्रबंधन को मिल पा रहा है। एेसे में यदि समय रहते राजघाट से सप्लाई शुरू नहीं होती है तो मरीजों के साथ बीएमसी परिसर में रहने वाले स्टाफ को भी परेशानी होगी।
मरीजों की आफत
बीएमसी में करीब ६०० मरीज भर्ती हैं। उनके साथ परिजन भी अस्पताल में डेरा जमाए हैं। मरीजों को निस्तार के लिए पानी की व्यवस्था भी मुश्किल से हो रही है। उधर, परिसर में १५०० का स्टाफ रहता है, जो भी पानी की कमी से परेशान हैं। मरीजों को निस्तार के लिए पानी की व्यवस्था भी मुश्किल से हो रही है
निगम ने एक हफ्ते में एक टैंकर दिया
हैरानी की बात यह है कि नगर निगम द्वारा बीएमसी को एक हफ्ते में सिर्फ एक टैंकर पानी ही उपलब्ध कराया है, जबकि बीएमसी ने हर रोज तीन टैंकर पानी उपलब्ध कराने की मांग की है। पानी न मिलने से प्रबंधन निजी टैंकर मंगाने मजबूर हैं।
& मैंने नगर निगम को कई बार लाइन दुरुस्त करने कहा है, वे बहाने बना रहे हैं। मैं इस संबंध में कमिश्नर से बात करके स्थिति से अवगत कराता हूं। डॉ. जीएस पटेल, डीन बीएमसी
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