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लीकेज पानी को छोटे-छोटे जलाशयों में सहेजा,सिटी फॉरेस्ट में बढ़े वन्यजीव

locationसागरPublished: Aug 23, 2018 12:32:09 pm

Submitted by:

sunil lakhera

जलाशयों में सहेजा तो सिटी फॉरेस्ट में बढ़े वन्यजीव

लीकेज पानी को छोटे-छोटे जलाशयों में सहेजा,सिटी फॉरेस्ट में बढ़े वन्यजीव

लीकेज पानी को छोटे-छोटे जलाशयों में सहेजा,सिटी फॉरेस्ट में बढ़े वन्यजीव

मधुर तिवारी,सागर. शहर में भले ही जिम्मेदार व आमजन पानी को सहेजने में लापरवाही बरत रहे हों, लेकिन वन विभाग के अधिकारियों ने बर्बाद होते पानी को सहेज कर एक मिशाल पेश की है।
वन विभाग ने इस बर्बाद पानी को न केवल सहेजा है बल्कि इससे गर्मियों में जहां वन्यप्राणियों की प्यास बुझाई है तो विकसित हो रहे सिटी फॉरेस्ट में इसी पानी के दम पर कई नए-नए विशेष वन तैयार कर लिए हैं। इसके बाद इस पानी का उपयोग बारिश शुरू होने के बाद भी किया जा रहा है। हाल ही में सिटी फॉरेस्ट में रोपित किए गए पौधों को भी यह पानी कम बारिश में बरदान साबित हो रहा है।
इन वनों को स्थापित किया- शहर से लगकर करीब ४०० हेक्टेयर में फैले वन क्षेत्र को दक्षिण वन मंडल सिटी फॉरेस्ट के रूप में विकसित कर रहा है। इसमें अभी तक वन विभाग कई विशेष वन तैयार कर चुका है। जिसमें राशि वन, नक्षत्र वन, पंचवटी वन, औषधि वन, नवग्रह वन और तितली वन आदि शामिल हैं। इसके अलावा यहां पर एक्यूप्रेशर पाथ-वे, बांस वन सहित कई अन्य नई-नई विशेष चीजें तैयार हो चुकी हैं।
राजघाट के लीकेज से भर गए जलाशय
वन विभाग ने सिटी फॉरेस्ट में विकास शुरू किया तो यहां पर पानी का संकट था। इससे निपटने विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों ने डीएफओ क्षितिज कुमार को बताया कि करीब दो किलो मीटर दूर से निकली राजघाट की टंकी के यहां हर रोज पानी बर्बाद होकर बह जाता है। इसके बाद डीएफओ ने स्वयं निरीक्षण किया और प्लान तैयार किया। प्लान भी एेसा है कि न तो ज्यादा लागत लगी और न ही यहां पर पानी खीचने के लिए मशीन लगाई गई। ढलान का फायदा उठा एक केनाल और पाइप के माध्यम से पानी सिटी फॉरेस्ट तक पहुंचा दिया। यह प्रयोग सफल हुआ तो सिटी फॉरेस्ट में छोटे-छोटे जलाशय तैयार कर इस पानी को सहेजा गया। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इन जलाशयों के निर्माण के बाद सिटी फॉरेस्ट में वन्यप्राणियों के साथ पक्षियों की संख्या बढ़ी है। वन विभाग का कहना है कि पानी न होने की स्थिति में वन्यप्राणी और पक्षी विरले नजर आते थे आज वहां पर हजारों जानवर और १३९ प्रकार के पक्षी प्राजातियों ने बसेरा बना लिया है।
पक्षियों की संख्या में हुआ है इजाफा
जिस पानी से हमने वन तैयार किए और वन्यप्राणियों को जलाशय तैयार कर दिए कुछ समय पहले तक वो पानी बर्बाद होकर बह जाता था। इसमें न तो ज्यादा लागत आई और न ही कोई मशीनरी का उपयोग किया है, लेकिन पानी मिलने से आज सिटी फॉरेस्ट में वन्यप्राणियों और पक्षियों की संख्या में इजाफा हो गया है।
क्षितिज कुमार, डीएफओ, दक्षिण वन मंडल

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