सागर

बुंदेलखंड के इस क्षेत्र में हो रही पानी की चोरी

चोरी करते आधा दर्जन सिंचाई पंप जब्त किए जाने के १० दिन बाद फिर बांध से पानी चोरी का मामला सामने आया है।

सागरMay 09, 2018 / 04:48 pm

गुलशन पटेल

Water theft in the area of Bundelkhand

सागर. सेना के जवानों के लिए चितौरा बांध में जमा पानी की चोरी का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। २९ अप्रैल को बांध से चोरी करते आधा दर्जन सिंचाई पंप जब्त किए जाने के १० दिन बाद मंगलवार को फिर बांध से पानी चोरी का मामला सामने आया है। सेना की गश्त पार्टी ने अलसुबह कुछ ग्रामीणों को बांध से पानी चुराते हुए पकड़कर उनकी सिंचाई की बिजली की मोटरें जब्त कर ली हैं। इसकी सूचना स्थानीय पुलिस थाने को भी दी गई है। एडम कमांडेंट कर्नल मुनीष गुप्ता के अनुसार कुछ किसान बांध किनारे झाडि़यों में छिपे बैठे थे और बांध से पंप द्वारा पानी खींच रहे थे। सेना के जवानों को देख किसानों ने भागने की कोशिश की लेकिन उन्हें पकड़ लिया गया। उन्हें पानी न चुराने की हिदायत दी गई है।
ग्रामीणों ने जताया विरोध
सेना के गश्ती दल ने तीन मोटर पंप जब्त कर लिए। कार्रवाई की खबर लगते ही बड़ी संख्या में महिलाओं के साथ पहुंचे ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर विरोध भी किया। कुछ लोगों ने महिलाओं की आड़ में हंगामा करने का भी प्रयास किया लेकिन सेना के जेसीओ ने ग्रामीणों को समझाइश देते हुए संभाला और पानी की चोरी न करने की हिदायत दी।

जगह-जगह फैला कचरा, गलियों में बह रहा गंदा पानी, बदबू से लोग परेशान
रजवांस. ग्राम पंचायत रजवांस में स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़ रही हैं। ग्राम में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। वार्ड चार व दस में तो जीना मुहाल हो गया है। आस्था के केंद्र धार्मिक स्थलों के रास्तों पर भी गंदगी फैली है। इसके बाद जिम्मेदारों द्वारा लगातार अनदेखी की जा रही है। जबकि स्वच्छता अभियान के नाम पर लाखों खर्च किए जा रहे हैं। इसके बाद भी ग्राम में कहीं इसका असर दिखाई नहीं दे रहा है। जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे होने से मच्छरों का भी प्रकोप बढ़ रहा है। जिससे लोगों को अब संक्रमित बीमारियों का भय सताने लगा है। उन्होंने मांग की है कि शीघ्र ही साफ-सफाई की जाए जिससे लोगों को मुसीबतों का सामना न करना पड़े। ग्राम के रास्ते के दोनों ओर नालियां न होने से गलियों में पानी बहता रहता है। जिससे वाहन चालक व पैदल चलने वाले लोग फिसलकर चोटिल हो रहे हैं। इसके बाद जिम्मेदारों द्वारा पानी निकासी की व्यवस्था नहीं की जा रही है।

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