उल्लेखनीय है कि इस अभियान का शुभारंभ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत से किया था। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की एसआरबी (पीसीटीसी) की रिपोर्ट के अनुसार श्रीगंगानगर,दौसा,जयपुर शहर, सीकर और झुंझुनू में बेटियां पिछले चार माह में बढ़ी है हालांकि सात जिलों में कम भी हुई है।
बेटियों के प्रति बदलनी होगी सोच सामाजिक कार्यकर्ता राजन चौधरी के अध्ययन के अनुसार राजस्थान चौधरी के अध्ययन के अनुसार राजस्थान में वर्ष 2015-16 में शिशु जन्म दर के आंकड़ों के अनुसार प्रतिदिन 1987 लड़के और 1846 लड़कियां पैदा हुई। चौधरी का मानना है कि बेटियों की प्रतिदिन घट रही संख्या को रोकने के लिए पीसीपीएनडीटी एक्ट का प्रभावी क्रियान्वयन में तेजी लानी होगी। वहीं, समाज के सभी वर्गों में भी जागरूकता लाते हुए बेटियों के प्रति सोच में बदलाव लाना होगा।
भारत में 49 जिलों में बढ़ी बेटियां भारत में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं के लिए 100 जिलों का चयन कर रखा है। इसमें से 49 जिलों में बेटियों की संख्या में इजाफा हुआ है। इसमें राजस्थान 10 में से तीन जिले शामिल है। राज्य में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान में श्रीगंगानगर,अलवर, भरतपुर, धौलपुर,दौसा,करौली, सवाईमाधौपुर,जयपुर,सीकर व झंूझनू शामिल है। देश में 61 और राजस्थान के चार जिलों को अब और शामिल किया गया है।