ट्रेनें रद्द होने से यात्रा में हुई परेशानी, कई ट्रेनों में ठसाठस भरकर गए यात्री
सागर•Mar 27, 2019 / 08:24 pm•
anuj hazari
What happened that the passengers had to pass on the railway station
बीना. करीलाधाम से लौटकर आए सैकड़ों यात्रियों के लिए स्टेशन पर ही रात गुजारनी पड़ी। क्योंकि उन्हें घर जाने के लिए कोई ट्रेन नहीं मिली। मंगलवार की रात स्टेशन पर जो नजारा दिखाई दे रहा था निश्चित रुप से लोगों के लिए परेशान करना वाला था। क्योंकि मेले से लौटकर आए लोगों के साथ छोटे-छोटे बच्चे भी थे जो स्टेशन पर ही मच्छरों के बीच रोते बिलखते परेशान होते नजर आ रहे थे। लेकिन मजबूरी के कारण ट्रेन के इंतजार रात स्टेशन पर रुकना पड़ा। गौरतलब है कि लाखों की संख्या में लोग करीलाधाम पहुंचे थे। जो 25 मार्च को मेले के बाद २6 मार्च को सुबह से ही वहां से घर जाने के लिए निकले। लेकिन एक साथ वापस लौटने के कारण व्यवस्थाएं गड़बड़ा गई और लोग जब स्टेशन पहुंचे तो ट्रेन न होने के कारण परेशानी के अलावा और कुछ हाथ नहीं लगा। भीड़ इतनी ज्यादा थी कि लोग प्लेटफार्म, वेटिंग रुम, बुकिंग ऑफिस के अलावा सर्कुलर एरिया में सोते हुए नजर आ रहे थे।
ट्रेनें रद्द होने से बड़ी परेशानी
एक बार फिर ट्रैक मेंटनेंस का बहाना लेकर रेलवे ने सागर व गुना जाने वाली कई ट्रेनों को रद्द किया था। जबकि बड़ा आयोजन होने के कारण कुछ दिनों के लिए उस काम को रोका जा सकता था और सवारी गाडिय़ों के लिए चलाया जा सकता था। चंूकि होली के बाद लोग घर से भी कार्यस्थल पर वापस भी जा रहे हैं जिस बजह से भी भारी भीड़ स्टेशन पर यात्रियों की हो रही है। सागर जाने वाली बीना-कटनी पैसेंजर, भोपाल-बिलासपुर टे्रन के रद्द होने के कारण छोटी स्टेशनों से सफर करने वाले लोगों को ज्यादा परेशानी हुई। मंगलवार की रात में राज्यरानी व विंध्याचल एक्सप्रेस में पैर रखने के लिए भी जगह नहीं थी। जिसके कारण बड़ी संख्या में लोग ट्रेन में अंदर नहीं पहुंच सके और स्टेशन पर ही रात गुजारनी पड़ी।
रेलवे की ओर से नहीं रहती स्टेशन पर व्यवस्था
जब भी कोई बड़े मेले या कुंभ का आयोजन होता है तो एहतियात के तौर पर रेलवे द्वारा कुछ बेसिक तैयारियां यात्रियों की सुविधा के लिए की जाती है लेकिन बीना स्टेशन पर ऐसा कुछ नहीं था। न ही अलग से रुकने की व्यवस्था थी न ही लोगों को गाइड करने के लिए सहायता केन्द्र की व्यवस्था।